मुख्यमंत्री ने की शहीद जवान की पत्नी को 20 लाख रुपये देने की घोषणा, पैतृक आवास पहुंचेगा पार्थिव शरीर
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में बीएसएफ में तैनात मुजफ्फरनगर जिले के लाल विनोद कुमार शहीद हो गए। खबर मिलते ही हरियाणा के पानीपत में रह रहे शहीद के पिता और भाई गांव लौट आए। आज दोपहर तक उनका शव पैतृक गांव लाया जाएगा। वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद बीएसएफ जवान विनोद कुमार की पत्नी को 20 लाख रुपये देने की घोषणा की है।
जिले के गांव मोहम्मदपुर मॉडन निवासी विनोद कुमार (27) पुत्र प्रेम सिंह करीब आठ वर्ष पूर्व बीएसएफ में सैनिक के पद पर भर्ती हुए थे। उनकी तैनाती पंजाब के फजलका में थी।
पिछले दिनों अनुच्छेद 370 हटने के बाद उनकी बटालियन की तैनाती कश्मीर में कर दी गई थी। बुधवार रात करीब तीन बजे एक ऑपरेशन के दौरान विनोद कुमार शहीद हो गए।
जिले के गांव मोहम्मदपुर मॉडन निवासी विनोद कुमार (27) पुत्र प्रेम सिंह करीब आठ वर्ष पूर्व बीएसएफ में सैनिक के पद पर भर्ती हुए थे। उनकी तैनाती पंजाब के फजलका में थी।
पिछले दिनों अनुच्छेद 370 हटने के बाद उनकी बटालियन की तैनाती कश्मीर में कर दी गई थी। बुधवार रात करीब तीन बजे एक ऑपरेशन के दौरान विनोद कुमार शहीद हो गए।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने बीएसएफ के शहीद जवान विनोद कुमार को श्रद्धांजलि देते हुए परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के इस वीर सपूत का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। सीएम ने शहीद के परिवार के एक सदस्य को मृतक के आश्रित के तौर पर सरकारी नौकरी देने का भी एलान किया है।
बीएसएफ मुख्यालय से शहीद के परिजनों को सुबह करीब पौने चार बजे सूचना दी गई। एसडीएम सदर विजय कुमार के अनुसार प्रशासन के पास विनोद कुमार के शहीद होने की सूचना आई थी।
शहीद के पिता प्रेम सिंह के अतिरिक्त बड़े भाई पंकज और सोनू पानीपत में रहकर कारोबार करते हैं। घर पर विनोद की मां मूर्ति देवी और दादी रहती हैं। सूचना मिलते ही पिता और बड़े भाई परिवार के अन्य सदस्यों के साथ गांव पहुंच गए।
बीएसएफ मुख्यालय से शहीद के परिजनों को सुबह करीब पौने चार बजे सूचना दी गई। एसडीएम सदर विजय कुमार के अनुसार प्रशासन के पास विनोद कुमार के शहीद होने की सूचना आई थी।
शहीद के पिता प्रेम सिंह के अतिरिक्त बड़े भाई पंकज और सोनू पानीपत में रहकर कारोबार करते हैं। घर पर विनोद की मां मूर्ति देवी और दादी रहती हैं। सूचना मिलते ही पिता और बड़े भाई परिवार के अन्य सदस्यों के साथ गांव पहुंच गए।