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बुधवार, 11 मई 2022
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Thar Movie Review :- अनिल कपूर (Anil Kapoor) के बेटे हर्षवर्धन (Harshavardhan) की यह 'thar', देखने जाने से पहले यहां पढ़ें रिव्यू
Thar Movie Review :- अनिल कपूर (Anil Kapoor) के बेटे हर्षवर्धन (Harshavardhan) की यह 'thar', देखने जाने से पहले यहां पढ़ें रिव्यू
पिता अनिल कपूर (Anil Kapoor) के बेटे हर्षवर्धन (Harshavardhan) की जोड़ी netflix की फ़िल्म एके वर्सेज एके में साथ नज़र आयी थी औऱ यह जोड़ी एक बार फिर netflix की फ़िल्म थार से लौट आयी है.
Film -थार (thar)
Producer- अनिल कपूर फिल्म्स (Anil Kapoor Films)
Director- राज सिंह चौधरी (Raj Singh Choudhary)
Cast-अनिल कपूर, हर्षवर्धन कपूर, फातिमा सना शेख,सतीश कौशिक, मुक्ति मोहन और अन्य
Platform- नेटफ्लिक्स
पिता अनिल कपूर और उनके बेटे हर्षवर्धन की जोड़ी netflix की फ़िल्म एके वर्सेज एके में साथ नज़र आयी थी औऱ यह जोड़ी एक बार फिर netflix की फ़िल्म थार से लौट आयी है. अनुराग कश्यप का नाम इस फ़िल्म से भी जुड़ा है लेकिन यह अलग तरह की फिल्म है. जो आमतौर पर हिंदी सिनेमा से अछूती सी रही है. यह फिल्म कुछ खामियों के बावजूद अपने प्लाट, नरेटिव विजुवल्स और म्यूजिक स्कोर की वजह से खास बन गयी है.
फ़िल्म की कहानी इंस्पेक्टर सुरेखा (अनिल कपूर)की है. कहानी की शुरुआत उसी किरदार से होती है.वह बताता हैं कि आजादी के बाद हुए बंटवारे के बाद बॉर्डर से नजदीक राजस्थान के मुनाबो गांव में उसकी पोस्टिंग हुई है . 1947 का रेफरेंस दिया गया है लेकिन कहानी 1985 के दशक पर आधारित है.
सुरेखा अपने पुलिसिया कैरियर में कभी भी कुछ खास नहीं कर पाया है. उसके कनपटी के बाल सफेद होने को हैं मतलब रिटायरमेंट की उम्र आ गयी है और तभी गांव में एक के बाद एक हत्याएं होनी शुरू हो जाती है. सुरेखा को लगता है कि ये केस उसके कैरियर में वह सम्मान दिला सकता है.जिसकी चाहत उसे बरसों से थी. कहानी और गांव में एंटीक डीलर सिद्धार्थ (हर्षवर्धन) की एंट्री होती है.जो गांवों में कारीगरों की तलाश में है. उसकी तलाश चेतना (फातिमा सना शेख) को भी कहानी में ले आती है.
हर किरदार के साथ एक रहस्य है.जिस वजह से सुरेखा को सभी दोषी भी नज़र आते हैं . कौन है दोषी इसके लिए आपको फ़िल्म देखनी होगी.फ़िल्म में कुछ भी सपाट नहीं है.यह एक डार्क फ़िल्म है.जिसमें रहस्य और रोमांच है.जो फ़िल्म के साथ आगे बढ़ता है. फिल्म का नरेशन काफी अलग है जिससे यह रिवेंज ड्रामा फिल्म होते हुए भी काफी अलग लगती है. इस रिवेंज ड्रामा फिल्म में महिला पात्रों को सशक्त तरीके से दर्शाया गया है.
खामियों की बात करें तो कहानी के जो साइड ट्रैक हैं वो थोड़े कमज़ोर रह गए हैं. कुछ किरदारों को विस्तार देने की ज़रूरत थी. फ़िल्म में कुछ सवालों के जवाब अनसुलझे भी रह गए हैं.
अभिनय पहलू पर आए तो अनिल कपूर एक बार फिर अपनी भूमिका में छाप छोड़ने में कामयाब रहे हैं. हर्षवर्धन का अभिनय भी इस फ़िल्म में निखरकर सामने आया है. उनके बोलने के लिए ज़्यादा संवाद नहीं हैं लेकिन अपनी आँखों और बॉडी लैंग्वेज से वह अपनी बात कह गए हैं. फातिमा सना शेख ने अपने अभिनय के कई रंगों को किरदार में दिखाने का मौका मिला है.मुक्ति मोहन अपने अभिनय से सरप्राइज किया है. सतीश कौशिक को फ़िल्म में कम स्पेस मिला है लेकिन वह अपनी भूमिका में जंचे हैं. बाकी के किरदार भी अपनी भूमिका के साथ न्याय करते हैं.
फ़िल्म का आर्ट हो या कैमरा वर्क वो कहानी के रहस्य को बढ़ाते हैं.जिनके लिए उसकी जितनी तारीफ की जाए वह कम है. अब तक कई फिल्मों में राजस्थान हमें देखने को मिला है लेकिन थार का राजस्थान बिल्कुल अलग है. अजय जयंती का बैकग्राउंड म्यूजिक शानदार है. जो कहानी, किरदारों और सिचुएशन के साथ बखूबी जोड़ता है. संवाद भी अच्छे बन पड़े हैं. अगर आप कुछ अलग देखना पसंद करते हैं तो यह फिल्म आपको पसंद आएगी.
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