Advani ji राष्ट्रपति बन जाते तो बुरा क्या था? - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

.

अन्य विधानसभा क्षेत्र

बेहट नकुड़ सहारनपुर नगर सहारनपुर देवबंद रामपुर मनिहारन गंगोह कैराना थानाभवन शामली बुढ़ाना चरथावल पुरकाजी मुजफ्फरनगर खतौली मीरापुर नजीबाबाद नगीना बढ़ापुर धामपुर नहटौर बिजनौर चांदपुर नूरपुर कांठ ठाकुरद्वारा मुरादाबाद ग्रामीण कुंदरकी मुरादाबाद नगर बिलारी चंदौसी असमोली संभल स्वार चमरौआ बिलासपुर रामपुर मिलक धनौरा नौगावां सादात

शनिवार, 12 जनवरी 2019

Advani ji राष्ट्रपति बन जाते तो बुरा क्या था?

Advani ji राष्ट्रपति बन जाते तो बुरा क्या था?



Lal Krishna Advani
Lal Krishna Advani
व्यक्ति के काम उसे जीवंत बनाए रखते हैं। यह कहावत भाजपा के मार्ग दर्शक मंडल के सदस्य लाल कृष्ण आडवाणी पर सटीक बैठती है। सांगठनिक क्षमता में अद्भुत रहे आडवाणी अब उम्र के आखिरी सोपान में हैं। राम मंदिर आंदोलन से अपने राजनीतिक करियर का स्वर्णयुग शुरू करने वाले आडवाणी के बारे में आम था कि संगठन उनकी मुट्ठी में रहता है, अब वह आडवाणी बेबस से नजर आते हैं। भाजपा और संघ के जमीनी कार्यकर्ताओं को आडवाणी को देखते ही उनका (नेताओं) मोह उमड़ आता है। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में देश के कोने-कोने से आए नेताओं का भी मानना है कि आडवाणी को राष्ट्रपति का पद दे देना चाहिए था। 

इलाहाबाद विश्वविद्यालय से भौतिक शास्त्र में एमएससी की डिग्री लेने वाले एसएन द्विवेदी ने बताया कि वह अस्सी के दशक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े। भाजपा से भी जुड़े। राम मंदिर आंदोलन में रुचि बढ़ी और लाल कृष्ण आडवाणी की सोमनाथ मंदिर से शुरू की गई रथयात्रा ने उनका काफी अनुराग बढ़ा दिया।

10 में से सात लोगों की यही राय

द्विवेदी का कहना है कि आज वह आडवाणी जी को मंच पर देखते हैं तो उन्हें तकलीफ होती है। यदि वह (आडवाणी) राष्ट्रपति बन जाते तो क्या बुरा था? यह पीड़ा एसएन द्विवेदी की अेकेले नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी में आए 10 में से सात लोग इस सवाल पर करीब-करीब एक ही राय देते हैं।

आजादी बचाओ आंदोलन से जुड़े और अब भाजपा में जिलास्तर की राजनीति कर रहे विजय प्रताप का भी कहना है कि आडवाणी पर राजनीतिक जीवन में कोई दाग नहीं है। वह अनुशासन के पक्के हैं। विजय प्रताप दो महीने की कड़ी मेहनत के बाद बड़ी मुश्किल से पांच मिनट के लिए 1991 में आडवाणी जी से मिलने पाए थे।

अयोध्या में राम मंदिर के लिए कारसेवा करने के लिए पढ़ाई बीच में छोड़कर आए गोसाईगंज के विपिन भी आडवाणी जी को राष्ट्रपति देखना चाहते थे। गोसाईगंज अयोध्या के पास ही है। इंदौर से आए भाजपा के एक नेता को भी इसका दर्द है। यह उन युवा और नेताओं का समूह है जो आडवाणी के मंच पर आते ही उनके स्वागत में जोरदार नारा लगा रहा था।

राज्यों के मंत्री काट ले रहे थे कन्नी

भाजपा शासित राज्यों के मंत्री आडवाणी जी को राष्ट्रपति बनाने के सवाल पर कन्नी काट रहे थे। लेकिन आडवाणी के स्वागत में राष्ट्रीय कार्यकारिणी के दौरान कार्यकर्ताओं, नेताओं का उत्साह देखकर उनके चेहरे से आडवाणी के प्रति श्रद्धा साफ झलक रही थी। एक मंत्री ने स्वीकार किया कि भाजपा यदि सत्ता में है तो इसका श्रेय अटल और आडवाणी को जाता है। यह पूछे जाने पर कि क्या आडवाणी जी को बस मंच का नेता बनाए रखना चाहिए, सूत्र का कहना था कि यह विडंबना है। हम ऐसे ही समय में हैं, जहां कुछ गलतियां हो जाया करती हैं।

Loan calculator for Instant Online Loan, Home Loan, Personal Loan, Credit Card Loan, Education loan

Loan Calculator

Amount
Interest Rate
Tenure (in months)

Loan EMI

123

Total Interest Payable

1234

Total Amount

12345