Braking News: सवर्ण आरक्षण से एक बार और गरीबों को नुकसान होने की आशंका - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

.

अन्य विधानसभा क्षेत्र

बेहट नकुड़ सहारनपुर नगर सहारनपुर देवबंद रामपुर मनिहारन गंगोह कैराना थानाभवन शामली बुढ़ाना चरथावल पुरकाजी मुजफ्फरनगर खतौली मीरापुर नजीबाबाद नगीना बढ़ापुर धामपुर नहटौर बिजनौर चांदपुर नूरपुर कांठ ठाकुरद्वारा मुरादाबाद ग्रामीण कुंदरकी मुरादाबाद नगर बिलारी चंदौसी असमोली संभल स्वार चमरौआ बिलासपुर रामपुर मिलक धनौरा नौगावां सादात

बुधवार, 9 जनवरी 2019

Braking News: सवर्ण आरक्षण से एक बार और गरीबों को नुकसान होने की आशंका

वोट बैंक के लिए एक बार और सरकार ने खेल गेम सवर्ण आरक्षण का

Benefits to the poor from the general reservation is less than loss
सवर्ण जातियों में ग़रीबों के लिए दिया जा रहा 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ फिलहाल अनारक्षित वर्ग के तीन चौथाई हिस्से से ज्यादा को मिलने का संभावना है। लेकिन इससे उन्हें लाभ होने के बजाए नुकसान भी हो सकता है। राष्ट्रीय सैंपल सर्वेक्षण संस्थान के आंकड़ों के मुताबिक देश में 95 प्रतिशत परिवारों की सालाना आय आठ लाख रुपये से कम है। एक हजार वर्गफुट से कम भूमि पर मकान वालों की संख्या 90 प्रतिशत है। इसी तरह कृषि जनगणना के अनुसार 87 प्रतिशत किसान के पास कृषि योग्य भूमि का रक़बा पांच एकड़ से कम है।

यानी सरकार द्वारा घोषित ग़रीब की परिभाषा के मुताबिक देश की 90 फीसदी आबादी ऽआर्थिक आधार पर आरक्षणऽ के लाभार्थियों की श्रेणी में आती है। इसमें पिछडे़ और दलित भी शामिल हैं जिनके लिए अलग से 50 प्रतिशत का आरक्षण है। यानी देश की आबादी में 40 फीसदी सवर्ण ग़रीब हैं। अभी तक यह 40 फीसदी आबादी 50.5 प्रतिशत अनारक्षित सीटों के लिए होड़ करती थी। लेकिन सरकार द्वारा इनके लिए अलग श्रेणी बनाए जाने के बाद इनमें केवल 10 प्रतिशत आरक्षित सीटों के लिए प्रतियोगिता होगी। जबकि 10 प्रतिशत ‘अमीर’ लोगों के लिए 40.5 प्रतिशत अनारक्षित सीटें ‘बच जाएंगी’। जाहिर है उनके लिए कट ऑफ प्रतिशत कम होगा जबकि गरीब सवर्णों की श्रेणी में मेरिट का कट ऑफ काफ़ी ऊंचा होगा।

कानूनी स्थिति

सुप्रीम कोर्ट दीपा ई वी के मामले में दो साल पहले ही फैसला सुना चुका है कि यदि कोई व्यक्ति एक श्रेणी के तहत आरक्षण का लाभ उठाना चाहता है तो वह दूसरी श्रेणी के तहत लाभ उठाने का दावा नहीं कर सकता। दीपा ने ओबीसी कैटगरी के तहत नौकरी के लिए आवेदन किया था लेकिन  उनका चयन नहीं हो सका। तब उन्होंने अदालत से अपील की उनका चयन सामान्य वर्ग के तहत हो रहा है। उन्हें इसकी अनुमति दी जाए। लेकिन अदालत ने यह कहते हुए साफ इंकार कर दिया कि वे उम्र में ओबीसी वर्ग के तहत रियायत ली और इंटरव्यू भी उसी वर्ग के तहत दिया। इसलिए वे सामान्य वर्ग के लिए चयन की पात्र नहीं हैं।

कानूनी खामियां

संविधान विशेषज्ञ संजय पारेख कहते हैं कि यह कानून यदि बन भी गया तो ज्यूडीशियल स्क्रूटनी (अदालत की जांच) में खरा नहीं उतर पाएगा। 95 प्रतिशत ग़रीब जनता के लिए 60 प्रतिशत आरक्षण और पांच प्रतिशत अमीरों के लिए 40 प्रतिशत पद, न तो अदालत मानेगी और न ही संविधान निर्माताओं के बनाए मानकों पर।

बहुत विसंगतियां

आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह कहते सरकार हड़बड़ी में जो बिल लाई है वह बहुत विसंगतियों से भरा है। इससे ग़रीबों को लाभ के बजाए हानि ज्यादा होगी। सामाजिक समरसता खत्म होगी सो अलग। यह  मोदी सरकार का केवल अमीरों को फायदा पहुँचाने का प्रयास है। केवल चुनाव में लोगों को गुमराह करने के लिए यह कानून बनाया जा रहा है।

Mayawati ने General को 10 % Reservation देने का किया समर्थन, कहा- फैसले का स्वागत

Loan calculator for Instant Online Loan, Home Loan, Personal Loan, Credit Card Loan, Education loan

Loan Calculator

Amount
Interest Rate
Tenure (in months)

Loan EMI

123

Total Interest Payable

1234

Total Amount

12345