Indira Gandhi की तरह हुकुम की रानी(queen) साबित हो सकती हैं Priyanka : Shivsena

खास बातें
कांग्रेस में महासचिव पद पर प्रियंका की नियुक्ति की गई है। आने वाले लोकसभा चुनाव में सफलता प्राप्त करने के लिए सबकुछ करने की तैयारी है, ये कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ऐसा करके दिखा दिया है। राहुल गांधी सफल नहीं हो पाए इसलिए प्रियंका को लाना पड़ा, ऐसी अफवाहें उड़ाई जा रही हैं, जिसमें दम नहीं है।
इसमें आगे लिखा है राफेल जैसे मामले में उन्होंने (राहुल) सरकार की मुश्किले बढ़ा दी हैं लेकिन तीन राज्यों में कांग्रेस ने भाजपा से सत्ता छीनी उसका श्रेय उन्हें न देना, कुंठित प्रवृत्ति की निशानी है। सपा बसपा गठबंधन में कांग्रेस को महत्वपूर्ण स्थान नहीं मिला। लेकिन राहुल ने किसी भी तरह का हंगामा न करते हुए संयम से काम लिया। राहुल ने कहा कोई बात नहीं, वह उत्तर प्रदेश की सभी सीटें लड़ेंगे। ऐसी नीति अपनाना और फिर प्रियंका को राजनीति में लाकर उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपने के पीछे जो योजना है उससे फायदा होगा।
मुखपत्र में कहा गया है कि प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने गांधी परिवार का इस्तेमाल कर कई आर्थिक और भूखंड घोटाले किए हैं। इसलिए प्रियंका पर दबाव लाया जा सकता है। ऐसी चर्चा थी, लेकिन वाड्रा के होने या न होने वाले मामलों को अधर में लटकाए रख प्रियंका मैदान में उतर चुकी हैं। और खुद पीएम मोदी को भी उनपर बोलना पड़ा कि कुछ लोगों के लिए परिवार ही पार्टी है।
मुखपत्र में आगे लिखा है, प्रियंका गांधी को सक्रिया किया जाए ये कांग्रेस को लगता होता तो यह उनका अधिकार है। हम उनके निर्णय में दखल क्यों दें? प्रियंका इंदिरा गांधी का हूबहू रूप हैं, उनकी बोलचाल में इस तरह की झलक दिखाई देती है, इसके कारण हिंदी भाषी क्षेत्रों में कांग्रेस को जरूर लाभ मिलेगा।