सियासत:PM Modi या Rahul Gandhi, देश तय करे उसे कैसा सेवक चाहिए

दरअसल, भाजपा की राय है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अभी भी विपक्ष के सर्वमान्य नेता के रुप में स्थापित नहीं हो सके हैं। ममता जैसी नेताओं ने राहुल के पीएम बनने की बातों का खुलकर विरोध कर दिया था। ममता बनर्जी और मायावती सहित विपक्ष में अनेक नेता ऐसे हैं जो प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब पाले बैठे हैं।
इसलिए भाजपा को मालूम है कि जैसे ही बात नेतृत्व तय करने की होगी, महागठबंधन की राह मुश्किल हो जाएगी और विपक्ष में दरार पड़ जाएगी। इस बात का संकेत खुद प्रधानमंत्री के एक घंटे बीस मिनट के लंबे भाषण के अंत में तब मिला जब उन्होंने कहा कि आखिर वे कैसा सेवक चाहेंगे।
एक ऐसा सेवक जो घर के लोगों को आपस में लड़वाता हो (जाति-संप्रदाय के नाम पर), अपने घर के लोगों की बुराई पड़ोसियों से करता हो (कांग्रेस के कुछ नेताओं के कथित पाकिस्तान प्रेम पर) और मालिक के पैसे को अपने घर के लोगों में बांट देता हो (कांग्रेस के कथित भ्रष्टाचार पर) या एक ऐसा सेवक जो अपने मालिक से भी ज्यादा दिन-रात मेहनत करता हो जिससे उसका मालिक खुशहाल रहे (अपनी कार्यशैली पर)।
जाहिर है कि भाजपा जानती है कि अगर चुनाव राहुल बनाम मोदी हो जाता है तो राहुल उनके सामने नहीं ठहर सकेंगे। सिर्फ राहुल ही नहीं, ममता बनर्जी या मायावती भी नरेंद्र मोदी के सामने कहीं नहीं टिक पाएंगे।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कोई भी चुनाव 100 मुद्दों पर नहीं लड़ा जाता। केवल चंद मुद्दे होते हैं जो जनता के बीच चर्चा का विषय बनते हैं और उन्हीं पर मतदान होता है। अपने मात्र 15 मिनट के भाषण में उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र दिया और कहा कि किसी भी चुनाव में जीत का सबसे बड़ा कारण नेतृत्व होता है।
उन्होंने प्रधानमंत्री को भाजपा का सौभाग्य बताते हुए कहा कि उनके पास मोदी जैसा नेतृत्व है जो उन्हें मजबूत बढ़त दिलाने सक्षम है और पार्टी को इसका लाभ मिलेगा।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मोदी के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि उन्होंने अपने सरकार के माध्यम से लगभग 22 करोड़ परिवारों को लाभ पहुंचाया है। अगर सिर्फ इन परिवारों के वोट भी भाजपा को मिल जाते हैं तो भाजपा को बड़ी जीत हासिल करने से कोई रोक नहीं सकता।
मोदी नेता नहीं, तानाशाह: कांग्रेस
भाजपा की इस सधी चाल को ताड़ कांग्रेस ने पहले ही कह दिया है कि समय तय करेगा कि गठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा। पिछले समय में भी अनेक ऐसे मौके आए हैं जब चुने हुए सांसदों ने देश का प्रधानमंत्री दिया है। ऐसे में नेतृत्व बड़ा मुद्दा नहीं है। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि नरेंद्र मोदी को नेतृत्व करने वाला नेता नहीं, बल्कि एक तानाशाह कहा जाना चाहिए। इसका कारण यह है कि वे अपने आगे किसी की नहीं सुनते हैं। और उनका पूरा विश्वास है कि देश को ऐसा तानाशाह तो बिल्कुल नहीं चाहिए।