चुनावी रंग जमाने को छिपा रखे हैं 850 करोड़ रुपये, High Profile लोगों पर पड़ेंगे ताबड़तोड़ छापे
CBDT Chairman PC Mody and Revenue Secretary AB Pandey has been called by Election Commission
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) के हाथ अभी एक ही मामले तक पहुंचे हैं। यह फिल्म का ट्रेलर मात्र है, अभी पूरी फिल्म बाकी है। सीबीडीटी, आयकर, डीआरआई और ईडी की मानें तो चुनावी रंग जमाने के लिए 850 करोड़ रुपये छिपाए गए हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों पर आयकर के छापे, यह जांच एजेंसियों की बहुत छोटी कार्रवाई है। 850 करोड़ रुपये बाहर निकालने के लिए अब चार एजेंसियां एक साथ कई हाईप्रोफाइल लोगों के यहां छापे मारेंगी। मंगलवार को सीबीडीटी के चेयरमैन और राजस्व सचिव ने चुनाव आयोग को इशारे में यह बात बता दी है। चूंकि जांच एजेंसियों का दावा है कि यह सारा धन चुनाव में खर्च होना है, इसलिए छापेमारी के दौरान चुनाव आयोग के कुछ अधिकारियों को भी टीम में शामिल किया जा सकता है। आयकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी का दावा है कि साढ़े आठ सौ करोड़ रुपये तो हमारा अंदाजा है। हो सकता है कि इससे कहीं ज्यादा राशि जब्त हो जाए। मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों के यहां से जो कुछ मिल रहा है, वह जानकारी एजेंसियों के पास पहले से थी, लेकिन सारा रुपया एक जगह पर एकत्रित हो, इसका इंतजार किया जा रहा था। पुख्ता सबूत हाथ लग सकें, इसलिए छापों की कार्रवाई को देरी से अंजाम दिया गया। जांच एजेंसियों की लिस्ट में करीब 33 ऐसे लोगों के नाम हैं, जहां देर-सवेर छापे पड़ सकते हैं। ऐसी सूचनाएं हैं कि इन लोगों के पास बड़े पैमाने पर हवाला का पैसा है। बता दें कि कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने दो दिन पहले कहा था कि उनके यहां पर जांच एजेंसियां एक बार फिर रेड डालने की तैयारी कर रही हैं। आयकर विभाग की रेड के बाद सीबीडीटी का कहना है कि हवाला के जरिए जुटाई गई रकम दिल्ली स्थित एक बड़ी राजनीतिक पार्टी के मुख्यालय तक पहुंची है। जांच एजेंसी ने तुगलक रोड स्थित एक बंगले का भी जिक्र किया है, जहां से 20 करोड़ रुपये की रकम उक्त नेता के पार्टी मुख्यालय में भेजी गई थी। हालांकि सीबीडीटी ने अपनी रिपोर्ट में किसी नेता विशेष के नाम का उल्लेख नहीं किया है। आयकर विभाग के अधिकारी का कहना है कि छापों की कार्रवाई पूरी होने के बाद जो फाइनल रिपोर्ट तैयार होगी, उसमें कई चौकाने वाले खुलासे होंगे।
टैक्स हेवन देशों से जानकारियां जुटा रही हैं जांच एजेंसियां
डेमो - फोटो : डेमो
दिल्ली स्थित एक नेता के आवास पर मारे गए छापे के दौरान आयकर विभाग को कई तरह के दस्तावेज मिले हैं। इन दस्तावेजों से स्पष्ट होता है कि विदेशों से हवाला के जरिए भारी मात्रा में रुपये का लेन-देन हुआ है।
राष्ट्रीय स्तर के एक राजनीतिक दल से जुड़े सात नेताओं के नाम से टैक्स हेवन देशों में बैंक खातों की अहम जानकारी जांच एजेंसी के हाथ लगी है। विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि पिछले दो माह में बड़े स्तर पर कई ट्रांजेक्शन हुई हैं।
कई खाते ऐसे भी मिले हैं, जो दूसरे लोगों के नाम पर खोले गए हैं। जांच एजेंसी ने दिल्ली स्थित जब कई ऐसे पतों की जांच की तो वे फर्जी निकले। जो नाम बैंक की पासबुक या दूसरे दस्तावेजों में लिखा था, उस नाम का व्यक्ति वहां रहता ही नहीं है।
लगभग 67 कंपनियों के पते भी गलत निकले। जांच में सामने आया है कि इन नामों से तो कोई कंपनी ही नहीं है, जबकि टैक्स हेवन देशों को दी गई बैंक डिटेल में वही पते दिए गए हैं। जांच एजेंसी अब इस मामले की तह तक पहुंचने के लिए टैक्स हेवन देशों से जानकारी जुटा रही है।
उधर, मंगलवार को जांच एजेंसी के छापों को लेकर कांग्रेस पार्टी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला बोल दिया। पार्टी नेता कपिल सिब्बल ने कहा, जांच एजेंसी सरकार के इशारे पर और पक्षपातपूर्ण तरीके से काम कर रही हैं। हम जांच से नहीं डरते, लेकिन केवल विपक्षी पार्टियों के नेताओं के यहां छापे क्यों पड़ रहे हैं। सत्ता पक्ष के भी ऐसे नेता, जिन पर घोटालों के आरोप लगे हैं, उनकी जांच क्यों नहीं हो रही।
नोटबंदी, इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला है। सत्ता पक्ष के नेताओं ने किस तरह अपना काला धन सफेद किया, उसके सबूत लोगों के सामने हैं, लेकिन जांच एजेंसी को वे नजर नहीं आएंगे। हमने नोटबंदी घोटाले के कितने वीडियो जारी किए हैं, सरकार उनकी जांच करके दिखाए।