रोमियो के साथ ही INDIAN नौसेना को मिलेंगी छह उन्नत पनडुब्बियां
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भारतीय समुद्र के आसपास चीनी सेना की बढ़ती गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने पूरी तरह कमर कस ली है। अमेरिका से 24 एंटी-सबमैरिन हेलिकॉप्टर खरीदने की तैयारी के बाद अब भारतीय नौसेना के लिए 45 हजार करोड़ रुपये में 6 एडवांस पनडुब्बियां तैयार कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि बेहद घातक किस्म की ये पनडुब्बियां महत्वाकांक्षी ‘सामरिक साझेदारी (एसपी) मॉडल’ के तहत तैयार की जाएंगी। सूत्रों ने बताया कि प्रोजेक्ट-75(1) प्रोग्राम के तहत एक भारतीय रक्षा कंपनी और एक विदेशी पनडुब्बी निर्माता कंपनी मिलकर इन डीजल चालित पनडुब्बियों का निर्माण करेंगे। इसके लिए चार सप्ताह के अंदर दुनिया के अग्रणी एडवांस पनडुब्बी निर्माताओं को एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) जारी कर दिया जाएगा। सूत्रों ने यह भी बताया कि रक्षा मंत्रालय ने इस 45 हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट के लिए भारतीय और विदेशी कंपनी चुनने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
सूत्रों के मुताबिक, नौसेना की तरफ से करीब 10 साल पहले एडवांस पनडुब्बियां खरीदने की मांग की गई थी, लेकिन तब से यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में ही पड़ा हुआ था। इस साल जनवरी में केंद्र सरकार ने इस मेगा प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखाते हुए एक एम्पावर्ड कमेटी का गठन किया था, जिसने इस प्रोजेक्ट में घरेलू कंपनी के तौर पर शामिल होने के लिए रक्षा क्षेत्र की अहम भारतीय कंपनियों से सलाह मशविरा शुरू कर दिया है। इन कंपनियों में अडानी डिफेंस, लार्सन एंड टूब्रो और सरकारी स्वामित्व वाली मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) भी शामिल हैं।
500 किमी रेंज वाली मिसाइल से होगी लैस
भारतीय नौसेना एडवांस किस्म की इन पनडुब्बियों को 500 किलोमीटर की रेंज तक जहाज नष्ट करने वाली मिसाइलों से लैस कराना चाहती है। साथ ही इनमें जमीन पर हमला करने में सक्षम 12 क्रूज मिसाइलें, 18 बडे़ टारपीडो और कई अन्य घातक हथियार भी लगे होंगे। ये पनडुब्बियां फिलहाल मुंबई के मझगांव डॉकयार्ड में बन रही 6 स्कॉर्पियन क्लास की पनडुब्बियों से करीब 50 फीसदी ज्यादा बड़ी होंगी। प्रोजेक्ट-75 के तहत बन रहीं इन स्कॉर्पियन पनडुब्बियों को फ्रांसीसी कंपनी नेवल ग्रुप ने डिजाइन किया है। इसी प्रोजेक्ट का अगला चरण प्रोजेक्ट-75(1) है, जिसके तहत एडवांस पनडुब्बियां बनाई जाएंगी।
सामरिक साझेदारी के तहत दूसरा प्रोजेक्ट
सरकार के महत्वाकांक्षी सामरिक साझेदारी मॉडल के तहत यह दूसरा प्रोजेक्ट होगा। इससे पहले सरकार ने इस मॉडल के तहत नेवी के लिए ही 21 हजार करोड़ रुपये की लागत से 111 यूटिलिटी हेलिकॉप्टर तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की थी।
मलक्का की खाड़ी से हिंद महासागर के दूसरे कोने तक निगरानी
भारतीय नौसेना के अधिकारियों ने इन 6 एडवांस पनडुब्बियों के निर्माण के बाद मलक्का की खाड़ी से लेकर हिंद महासागर के दूसरे कोने तक का हिस्सा एक साथ भारतीय निगरानी के दायरे में आ जाने का दावा किया। साथ ही देश में पनडुब्बी डिजाइन करने व उसका निर्माण करने के इको-सिस्टम को भी इससे अहम लाभ मिलने का दावा किया गया है।