साफ-सफाई को लेकर इसलिए Indore बना देश का नंबर 1 शहर
इंदौर शहर (प्रतीकात्मक)
600 से अधिक नगर निगमों ने इंदौर का दौरा किया है, यह जानने के लिए कि 2016 के स्वच्छता सर्वेक्षण में 25वें स्थान पर रहने वाले एक शहर ने कैसे लगातार चार्ट में शीर्ष स्थान हासिल किया है। कूड़ेदानों की निगरानी के लिए 700 से अधिक नए शौचालयों और मूत्रालयों से लेकर 3,000 सड़क किनारे डिब्बे और एक लाइव ट्रैकिंग प्रणाली, इंदौर ने बहुत कुछ किया.. हर बार जब हरे-पीले रंग की कचरा वैन इंदौर के बाहरी इलाके में जब अनुराधा नगर की झुग्गियों में पहुंचती है, तो यहां संकीर्ण गलियों, आधी टूटी बाल्टी काफी कुछ बताती है। प्रतिदिन सुबह 7 बजे से, बॉलीवुड गायक शान की आवाज में वैन के लाउडस्पीकर के माध्यम से एक ही गूंज सुनाई देती है- इंदौर हुआ है नंबर एक, इंदौर रहेगा नंबर एक।
2019 में स्वच्छ भारत मिशन के तहत सबसे स्वच्छ शहर के लिए इंदौर ने एक हैट्रिक लगाई। इंदौर नगर निगम के जोनल प्रभारी मोनेश गावड़े के मुताबिक यहां बच्चों के दृष्टिकोण में बदलाव को लेकर काफी गंभीरता है। यदि उनके माता-पिता नहीं होते तो ये बच्चे खुद सूखे और गीले कचरे को फेंकने के लिए आते हैं। इससे पहले प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले कचरे का अधिकांश भाग खुली नालियों या देवगुराड़िया लैंडफिल में फेंका जाता था, ये निजी सफाइकर्मियों पर निर्भर करता था कि वो कैसे इस गंदगी को साफ करें।
इंदौर शहर (प्रतीकात्मक)
तीन वर्षों में शहर कुल डोर-टू-डोर अलग-अलग कचरे के संग्रह में बदल गया है और 1,150 मीट्रिक टन कचरा है जो शहर हर दिन ठिकाने लगाता है। हर रात, वैक्यूम क्लीनर सड़कों को पॉलिश करते हैं। यहां तक कि ऑटोमोबाइल शोरूम ग्राहकों को कार खरीदने के दौरान एक छोटे कूड़ेदान की पेशकश करते हैं। वहीं शहर के बाहरी इलाके में 148 एकड़ के देवगुराड़िया डंपिंग ग्राउंड की सफाई भी बरकरार है।
इसलिए इंदौर बना देश का नंबर वन शहर
इंदौर शहर (प्रतीकात्मक)
-इंदौर देश का पहला शहर है, जहां ट्रंचिंग ग्राउंड को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। उसके स्थान पर लगातार नए प्रयोग किए जा रहे हैं।
-कचरे की 100 प्रतिशत प्रोसेसिंग, बिल्डिंग मैटेरियल और खराब निर्माण सामग्री का कलेक्शन तथा उसका निपटान।
-कचरा उठाने में लगे वाहनों की मॉनिटरिंग के लिए जीपीएस तथा कंट्रोल रूम, हर जोन के लिए अलग-अलग टीवी स्क्रीन
-29 हजार से अधिक घरों में गीले कचरे से होम कंपोस्टिंग का कार्य
-देश के पहले डिस्पोजल फ्री मार्केट
-पहला शहर जहां लाखों लोगों की मौजूदगी के दो जीरो वेस्ट इवेंट का हुआ आयोजन
इंदौर शहर (प्रतीकात्मक)
कुछ समय पहले तक मध्य प्रदेश के एसबीएम निदेशक मनीष सिंह को यकीन नहीं था कि स्वच्छता अभियान कायम रह सकता है। लेकिन यहां के लोगों की मदद से ये मुमकिन हो सका है। 2009 बैच के एक आईएएस अधिकारी, सिंह 2016 में नगर आयुक्त थे, जब इंदौर 73 स्वच्छ शहरों में "शर्मनाक" 25 वें स्थान पर था। उनका कहना है कि तभी से इंदौर की स्वच्छ बनाने का संकल्प लिया गया।