Lok Sabha चुनाव 2019 : BJP के सहयोगी दल ने खोला पत्ता, राबर्टसगंज सीट पर पकौड़ी लाल को उतारा
पकौड़ी लाल कोल
भाजपा के सहयोगी दल ने सोनभद्र जिले की राबर्टसगंज सीट पर अपना पत्ता खोल दिया है। भाजपा के तीन सहयोगी दल अपना दल(एस), सुभासपा और निषाद पार्टी ने संयुक्त रुप से अपना प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारा है। सोनभद्र जिले की राबर्टसगंज सीट अपना दल(एस) के पाले में है। जिस पर अपना दल(एस) के राष्ट्रीय सचिव और पूर्व सांसद पकौड़ी लाल कोल को प्रत्याशी घोषित किया गया है। पकौड़ी लाल कोल पुत्र स्व. जगुनू मिर्जापुर जिले के मड़िहान थाना क्षेत्र के पटेहरा कला गांव के निवासी हैं।
पकौड़ी लाल कोल ने 1994 के लोकसभा चुनाव से राजनीति में कदम रखा। सबसे पहले 1994 में पकौड़ी लाल राबर्टसगंज से रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया की तरफ से चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए थे। इसके बाद 1998 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने अपना दल का साथ पकड़ लिया और राबर्टसगंज से चुनाव में खड़े हुए। इस चुनाव में पकौड़ी लाल को 96 हजार 680 वोट मिले थे।
हार का दोबारा मुंह देखने के बाद पकौड़ी लाल ने बसपा का दामन थाम लिया और 2002 के विधानसभा चुनाव में मिर्जापुर के छानबे से विधायक बने। 2004 के लोकसभा चुनाव में राबर्टसगंज की सुरक्षित सीट से समाजवादी पार्टी की तरफ से मैदान में उतरे और दूसरे स्थान पर रहे। इसके बाद लोकसभा चुनाव 2009 में फिर से सपा के साथ चुनावी मैदान में राबर्टसगंज सीट से उतरे और संसद तक पहुंचे।
राबर्टसगंज सीट से सातवीं बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं पकौड़ी लाल कोल
2014 के लोकसभा चुनाव में सपा की तरफ से हारने के बाद पकौड़ी लाल कोल ने घर वापसी की और अपना दल के साथ आगे बढ़े। लोकसभा चुनाव 2019 में पकौड़ी लाल कोल राबर्टसगंज सीट से सातवीं बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं।
देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा के तीनों सहयोगी दल के संयुक्त प्रत्याशी पकौड़ी लाल इस चुनाव में 2004 वाला जलवा दिखा पाते हैं या नहीं। बता दें कि राबर्टसगंज सीट पर कांग्रेस की तरफ से भगवती प्रसाद चौधरी इस महासंग्राम का हिस्सा बने हैं।
वहीं, सपा-बसपा-रालोद ने संयुक्त प्रत्याशी के रुप में भाई लाल कोल को प्रत्याशी बनाया है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि राबर्टसगंज सुरक्षित सीट है, इसके चलते सपा-बसपा-रालोद के संयुक्त प्रत्याशी भाई लाल कोल और अपना दल के प्रत्याशी पकौड़ी लाल कोल में कांटे की टक्कर होने वाली है।