भोपाल के महायुद्ध में साध्वी की जीत, इन कारणों से मिला जनता का समर्थन
भोपालमध्यप्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट पर चल रहे महायुद्ध में आखिरकार साध्वी प्रज्ञा ने विराम लगा दिया। भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ने यहां ढाई लाख से भी ज्यादा के अंतर से कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को पछाड़ कर अपनी जीत दर्ज की है।
भोपाल लोकसभा सीट पर शुरू से ही पूरे देश की नजर गड़ी हुई थी। देश के बेहद दिलचस्प मुकाबले वाली सीटों में से एक, भोपाल की सियासी लड़ाई में उम्मीदवार धर्म का सहारा लेते हुए साफ नजर आए थे। हिंदू वोटरों को लुभाने की कोशीश और हिंदुत्व के मुद्दे पर आधारित यहां के चुनाव में साध्वी प्रज्ञा पर लगे आतंकवाद के आरोपों को लेकर भी खूब बवाल हुआ था।
इन कारणों से भोपाल में जीतीं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर-
भाजपा ने यहां साध्वी प्रज्ञा को हिंदुत्व का प्रतीक के रूप में खड़ा किया था। ऐसे में वोटों का ध्रविकरण हो जाने के कारण हिंदू वोट भाजपा को मिले।
साध्वी प्रज्ञा ने पार्टी के मुद्दों के अलावा जेल में अपने साथ हुए कथित अत्याचारों को चुनाव प्रचार के दौरान लोगों के साथ साझा कर के विक्टिम कार्ड खेला था। ऐसे में जनता की सहानुभूती भी वोट बन कर उनके हिस्से में आई।
साध्वी प्रज्ञा भोपाल की स्थानीय निवासी हैं। जब्कि दिग्विजय सिंह मूलतः राघवगढ़ से आते हैं। ऐसे में साध्वी को यहां की स्थानीयता का भी पूरा फायदा मिला है।