केस से हटने की मांग पर सीजेआई बोले-जजों पर भरोसा नहीं करेंगे तो संस्थान ध्वस्त हो जाएगा

आप कहां जाएंगे? पीठ ने मंदर को इस मामले में याचिकाकर्ता की सूची से भी हटा दिया और उनकी जगह सुप्रीम कोर्ट विधिक सेवा प्राधिकरण को याचिकाकर्ता बना दिया है। पीठ ने कोर्ट की मदद के लिए वकील प्रशांत भूषण को एमाइकस क्यूरी नियुक्त किया है। कोर्ट ने कहा कि किसी मामले की सुनवाई करने में असमर्थता या परेशानी जजों द्वारा तय की जानी चाहिए न कि वादी द्वारा।
मंदर ने की थी सीजेआई की टिप्पणी से भय का वातावरण बनने की बात
इससे पहले मंदर ने कहा था कि इस मामले में सीजेआई की ओर से कुछ टिप्पणियां की गई हैं जिससे इस मामले की दिशा ही बदल गई है। सीजेआई ने घुसपैठियों को डिपोर्ट न करने को लेकर असम सरकार पर सवाल उठाया था। उनकी टिप्पणी से देश में भय का वातावरण बन गया है।
पीठ ने सीमा न लांघने की दी चेतावनी
पीठ ने मंदर से कहा कि आप मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं लेकिन क्या कोर्ट को आपके कहे पर चलना चाहिए? आप वादी हैं, सीमा न लांघें। बहस के दौरान हम जो कहते हैं, वह पक्षपात नहीं होता। हम सारी चीजों को टटोलते हैं।