Lok Sabha चुनाव 2019: दो चरणों के मतदान बाकी, बहुमत की गोलबंदी दोनों तरफ अभी से शुरू
अमर उजाला पर पढ़िए चुनाव से जुड़ी हर खबर - फोटो : Bharat Rajneeti
Bharat Rajneeti: लोकसभा चुनाव के दो चरणों के मतदान अभी बाकी हैं, मगर विपक्ष ने मतगणना के बाद की रणनीति पर विमर्श शुरू कर दिया है। विपक्ष की योजना मतगणना से पहले 21 मई को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करने की है। विपक्ष राष्ट्रपति से अनुरोध करेगा कि किसी दल या गठबंधन को बहुमत हासिल न होने की स्थिति में वे बहुमत परखने के बाद ही किसी को सरकार बनाने का न्योता दें। इस मु्द्दे पर विपक्षी दलों से बात करने की कमान आंध्रप्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने संभाली है। उन्होंने बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की। तृणमूल कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रपति से मतगणना से पहले मिलने के प्रस्ताव पर एक हफ्ते से विपक्षी दलों के बीच मंथन चल रहा है। फिलहाल डेढ़ दर्जन दल सैद्धांतिक तौर पर राष्ट्रपति से मिलने पर सहमत हैं। राष्ट्रपति से मुलाकात से पहले एकजुटता के लिए 21 मई को विपक्षी दलों की बैठक होगी। इसी दिन शाम को राष्ट्रपति से मिलने की योजना है। हालांकि राष्ट्रपति से मिलने की तारीख पर अंतिम फैसला बाकी है। नायडू राहुल से मुलाकात के बाद संभवत: बृहस्पतिवार को ममता बनर्जी से मिलेंगे। दूसरी ओर तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव गैर-भाजपा आैैर गैर कांग्रेस मोर्चे के लिए नेताओें से संपर्क में हैं। इसे लेकर वह केरल के सीएम पिनरई विजयन से मिल चुके हैं।
विपक्ष के नेता राष्ट्रपति से अनुरोध करेंगे कि जिस प्रकार वर्ष 1999 में राष्ट्रपति केआर नारायणन ने भाजपा के सबसे बड़ी पार्टी और उसकी अगुवाई वाले राजग के सबसे बड़े गठबंधन के रूप में उभरने के बावजूद का पत्र मांगा था। वैसे ही वर्तमान राष्ट्रपति को भी पंरपरा कायम रखनी चाहिए। गौरतलब है कि राष्ट्रपति सरकार बनाने का न्यौता किसे देंगे या उनके विवेक पर निर्भर करता है। वर्ष 1996 में तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने सबसे बड़ी पार्टी का तर्क देते हुए भाजपा को सरकार बनाने का न्यौता दिया था। हालांकि तब गठित हुई भाजपा सरकार बहुमत केअभाव में महज 13 दिन ही चल पाई थी।