कर्नाटक 'सिंघम' ने दिया इस्तीफा, अब उतर सकते हैं राजनीति के मैदान में

अन्नामलाई का कहना है कि वह किसी राजनीतिक दबाव में नौकरी नहीं छोड़ रहे हैं। उन्होंने कुमारस्वामी और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की प्रशंसा की। चूंकि उन्होंने अपनी ड्यूटी निभाने कि लिए उन्हें स्वतंत्रता दी। उन्होंने कहा, 'पूरे राज्य ने मेरा सम्मान किया है। मुझे कुछ और दिन काम करना चाहिए था लेकिन कुछ निर्णय लेने पड़ते हैं। मैं सभी का धन्यवाद करता हूं।'
अन्नामलाई को एक ईमानदार, बहादुर और सच्चा अधिकारी माना जाता है। लोग उन्हें इतना पसंद करते थे कि जब उडुपी और चिकमंगलुरू जिले से उनका हस्तांतरण किया गया तो लोग विरोध प्रदर्शन करने लगे थे।
अपने निर्णय पर उन्होंने कहा, 'मैंने सेवा में 10 साल बिताए हैं। मेरा मानना है कि एक व्यक्ति अपने जीवन में तीन जुनून प्राप्त कर सकता है जिसमें से एक जन सेवा है। मेरा मानना है कि सिविल सेवा में मेरा कार्य खत्म हो गया है। इसी वजह से मैं अब अलग चीजें करना चाहता हूं। फिलहाल मैंने कोई फैसला नहीं लिया है। मुझे तीन-चार महीनों का समय चाहिए। मैं सोचकर सही निर्णय लूंगा।'
2011 बैच के आईपीएस अधिकारी अन्नामलाई तमिलनाडु के करूर के रहने वाले हैं। उन्होंने सहायक पुलिस अधीक्षक के तौर पर अपने करियर की शुरुआत 2013 में कारकल से की थी। ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि वह आरएसएस के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में हैं। वहीं रेलवे के पुलिस महानिरीक्षक का दावा है कि अन्नामलाई राजनीति में उतर सकते हैं।