एनडीए 300 और भाजपा 267 के पार तो भाजपा के नेता क्यों हैं परेशान?: एक्जिट पोल
भाजपा (फाइल) : baharat rajneeti
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह दोनों केंद्र में भाजपानीत एनडीए सरकार बनाने का आत्मविश्वास दिखा रहे हैं। यह आत्मविश्वास एक्जिट पोल के नतीजों ने दिया है। केंद्र सरकार के तमाम मंत्री भी टीवी स्क्रीन पर इस आत्मविश्वास को चार चांद लगा रहे हैं, लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, डॉ. मुरली मनोहर जोशी और लाल कृष्ण आडवाणी के कुछ करीबियों तथा कई राज्यों में पार्टी के लिए घूम कर प्रचार करने वाले नेताओं को इस पर भरोसा नहीं हो रहा है। मेरठ के एक बड़े भाजपा नेता को भी लग रहा है कि 23 मई को नतीजे आने पर भाजपा की सीटें घटेंगी। 23 मई के नतीजों को लेकर कई भाजपा नेताओं की बेचैनी बढ़ी है। आखिर क्यों?
नौकरशाही भी सूंघ रही है सच्चाई
कई मंत्रालय के सचिव स्तर के अफसर तक चुनाव आयोग की मतगणना शुरू होने से पहले सच्चाई को सूंघने में लगे हैं। हालांकि पत्र सूचना कार्यालय ने नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह की कवरेज के लिए नतीजा आने से पहले ही अपनी तैयारी शुरू कर दी है। राष्ट्रपति भवन के एक वरिष्ठ अधिकारी की माने तो वहां भी नई सरकार को शपथ दिलाने के लिए तैयारी चल रही है। इसके साथ-साथ केंद्र सरकार के वरिष्ठ आधिकारियों की नई सरकार को लेकर काफी उत्सुकता बढ़ गई है। मंत्रालय के सचिव ने चुनाव में ड्यूटी पर तैनात आईआईएस कॉडर के कुछ अफसरों को बुलाकर उनसे राज्यवार ब्यौरा तक मांगा। एक राज्यमंत्री के कार्यालय के उपसचिव की परेशानी भी देखते बन रही है। कानून मंत्रालय के एक एडिशनल सेक्रेटरी को साफ लग रहा है कि एक्जिट पोल ने सीटों की संख्या बहुत अधिक दिखाई है। गृहमंत्रालय के एक निदेशक स्तर के अधिकारी के मुताबिक 23 मई को आने वाले नतीजे में उलट-फेर मिल सकता है।
246-247 तक रहेगी एनडीए
भाजपा के एक नेता का कहना है कि उन्होंने तमाम केंद्रीय नेताओं से मंत्रणा की है। वह संघ के कुछ नेताओं से मिले हैं। सूत्र का मानना है कि एनडीए समेत भाजपा अधिकतम दिल्ली में पांच, गुजरात में 21, मध्य प्रदेश (म.प्र.) में 18, छत्तीसगढ़ में चार, राजस्थान में 19, उत्तर प्रदेश (उ.प्र.) 38, बिहार में 28, झारखंड में पांच, पश्चिम बंगाल में 11, उड़ीसा में आठ, कर्नाटक में 16, हिमाचल प्रदेश में चार, उत्तराखंड में चार, हरियाणा में छह, पंजाब में चार, महाराष्ट्र में 31, असम सहित पूर्वोत्तर में 17, तमिलनाडु में चार, गोवा में दो, जम्मू-कश्मीर में दो और चंडीगढ़ की एक सीट जीतेगी। इस तरह से एनडीए को करीब 248 सीटें मिलने का अनुमान है। दिनभर में भाजपा के कई नेताओं से ऑफ दि रिकार्ड चर्चा हुई। लगभग सभी का मानना है कि एक्जिट पोल में सीटें काफी बढ़ाकर दिखाई जा रही हैं। अधिकांश में इसके बाबत परेशानी के भाव दिखे। यह छटपटाहट विपक्ष के नेताओं से काफी अलग दिखाई दी।
लेकिन सरकार भाजपा की, पीएम मोदी, भाजपा अध्यक्ष बनेंगे गडकरी
अमित शाह-उद्धव ठाकरे - फोटो : bahrat rajneeti
भाजपा नेताओं में एक भरोसा सिर चढ़कर बोल रहा है। सबका मानना है कि 23 मई को मतगणना के नतीजे आएंगे। इसमें सबसे बड़ा दल भाजपा और सबसे बड़ा राजनीतिक गठजोड़ एनडीए का रहेगा। सरकार भाजपा की बनेगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही होंगे। सभी का लगभग एक सुर में अनुमान है कि भाजपा अध्यक्ष का ताज सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के सिर पर आ सकता है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बारे में 10 में 6-7 भाजपा नेताओं का मानना है कि वह केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह का स्थान ले सकते हैं। राजनाथ सिंह कोई और पोर्टफोलियों दिया जा सकता है।
21 मई को भाजपा मुख्यालय में बैठक और भाजपा अध्यक्ष का रात्रिभोज क्यों?
इस सवाल पर सबकी राय में भी काफी एकता दिखाई दी।
उ.प्र. के एक भाजपा नेता का कहना है कि एक्जिट पोल के नतीजे चाहे जितना सही हों, लोकिन एक बार केंद्र में मोदी सरकार के पक्ष में माहौल बन गया है। इससे चुनाव की मतगणना तक पूरी पार्टी और एनडीए में एकता बनी रहेगी। इतना ही इससे एनडीए के कुनबे में दूसरे दलों को भी शामिल करने में जहां आसानी होगी, वहीं विपक्ष के नेताओं की बौखलाहट भी बढ़ेगी। आडवाणी जी को कभी अपनी सलाह देने वाले एक सूत्र का कहना है कि यह जरूरी भी है। इससे भाजपा और एनडीए के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना नेता मानेंगे और किसी तरह के सुगबुगाहट की गुंजाइश भी नहीं रहेगी। यह सत्ता पक्ष की मजबूती के लिए अच्छा है और इस तरह का प्रयास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा अमित शाह के राजनीतिक कौशल का परिचायक है।
एक्जिट पोल ने कभी नहीं खोया इतना विश्वास
संभव है कि एजिट पोल के नतीजे सही साबित हों। भाजपा के पास पूर्ण बहुमत या इसके आस पास की सीटें आएं, लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के नेताओं में एक साथ इतना बड़ा अविश्वास शायद ही देखने को मिला हो। विपक्ष जहां एक्जिट पोल के नतीजे सही मानने के भ्रम में आकर बौखलाहट जाहिर कर रहा है, वहीं सत्ता पक्ष के नेता ऑफ दि रिकार्ड बातचीत में एक्जिट पोल के नतीजे पर संदेह जाहिर कर रहे हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पहले कार्यकर्ताओं को संयम बरतने और 23 मई तक इंतजार करने का संदेश दे दिया है। शरद पवार ने एक्जिट पोल को नौटंकी करार दिया है। मायावती और अखिलेश भी इस पर तंज कस रहे हैं। वहीं भाजपा के नेताओं में भी एक चर्चा में एक अजीब सी बेचैनी साफ दिखाई पड़ रही है। इन सबको लेकर आयकर विभाग के एक कमिश्नर ने भी गजब की टिप्पणी की है। सूत्र का कहना है कि नतीजा चाहे जो आए लेकिन शेयर बाजार में अभी तो बहार है।
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