Rajneeti News: आंध्र सीएम जगन के खिलाफ जांच करने वाले अफसर के घर भी सीबीआई ने केस दर्ज किया
फाइल फोटो : bharat rajneeti
खास बातें
- मंगलवार को सीबीआई ने की छापेमारी
- आय से अधिक संपत्ति मामले में केस दर्ज
- 3.74 करोड़ की संपत्ति की जानकारी मिली
सीबीआई द्वारा मंगलवार को की गई देशव्यापी छापामार कार्रवाई की आंच जीएसटी कमिश्नरेट हैदराबाद के एंटी एविजन विंग में तैनात अधीक्षक बी. श्रीनिवास गांधी तक भी पहुंची। सीबीआई ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति बनाने का केस दर्ज कर 3.74 करोड़ की संपत्ति बरामद की है। श्रीनिवास प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की उस टीम का हिस्सा थे, जिसने आंध्र प्रदेश के सीएम वाईएस जगनमोहन रेड्डी के खिलाफ मनी लांड्रिंग की जांच की थी।
सीबीआई के मुताबिक जनवरी 2010 से जून 2019 के बीच, श्रीनिवास ने सहायक निदेशक ईडी और अधीक्षक जीएसटी के पद पर रहते हुए अपने और परिवार के अन्य सदस्यों के नाम अवैध संपत्ति बनाई। प्लॉट, खेतिहर जमीन और नगदी सहित ज्यादातर चल-अचल संपत्ति इसी अवधि में बनाई गई।
सीबीआई के मुताबिक प्राथमिक तौर पर संपत्ति आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक है। श्रीनिवास 10 साल ईडी अधिकारी के तौर पर हैदराबाद में तैनात रहे। श्रीनिवास और उनकी पत्नी के खिलाफ सोमवार को भ्रष्टाचार निरोधक कानून की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया।
इधर, पूर्व कस्टम उपायुक्त समेत अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
सीबीआई ने मुंबई में कस्टम विभाग के पूर्व उपायुक्त शरद रंजन, अन्य सरकारी कर्मचारियों व निजी लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। रंजन पर निजी लोगों से मिलीभगत कर सितंबर 2017 से मार्च 2018 के दौरान सरकारी खजाने को साढ़े तीन करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप है।
‘ड्रॉ बैक’ अनुभाग में पद पर रहते रंजन ने सदरुद्दीन लसनवाला, इस्माइल शेख, रमेश सिंह, अर्जुन गोरेगांवकर, राजुकमार सूर्यनाथ चौरसिया और आशुतोष प्रताप सिंह के साथ मिलकर कुछ निर्यातकों के कई आयात निर्यात कोड (आईईसी) से ईडीआई सिस्टम अलर्ट हटा दिया। इसके बाद जाली खातों में साढ़े तीन करोड़ रुपये डालकर सरकारी खजाने को चपत लगाई।
बताया जा रहा है कि रंजन और अन्य ने जाली दस्तावेजों के आधार पर कई बैंक खाते खोले थे। आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, ठगी, जाली दस्तावेज बनाने, आपराधिक आचरण का अपराध दर्ज किया है।