भारत और म्यांमार ने रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए, कहा- साथ काम करेंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात के दौरान म्यांमार के कमांडर-इन-चीफ वरिष्ठ जनरल मिन आंग हलिंग - फोटो : bharat rajneeti
भारत और म्यांमार ने अपने सैन्य संबंधों को बढ़ाने और सामरिक सुरक्षा के लिहाज से सोमवार को रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। म्यांमार के कमांडर-इन-चीफ वरिष्ठ जनरल मिन आंग हलिंग और रक्षा मंत्री राज्यमंत्री श्रीपद येसो नाइक के बीच विस्तार से चर्चा के बाद इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
हैलिंग के साथ प्रतिनिधिमंडल में इस दौरान म्यांमार के उच्च-स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे। उन्होंने भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ, सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत और नौसेना के प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह से भी मुलाकात की।इस वार्ता का मकसद भारत और म्यांमार के बीच रक्षा कर्मियों को दिए जा रहे प्रशिक्षण को और बेहतर करने सहित रक्षा सहयोग को बढ़ावा देना है। इस दौरान दोनों ही देशों ने समुद्री सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की।रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि इस वार्ता के बाद रक्षा सहयोग के लिए एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए।
प्रधानमंत्री मोदी को दिया म्यांमार आने का न्यौता
रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर के बाद म्यांमार के कमांडर-इन-चीफ वरिष्ठ जनरल मिन आंग हलिंग ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान हलिंग ने प्रधानमंत्री मोदी को म्यांमार आने का न्यौता दिया। इसके साथ ही उन्होंने लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत के लिए बधाई भी दी। हलिंग ने कहा कि दोनों ही पड़ोसी देशों के बीच आपसी संबंध गहरे और मजबूत हैं और पिछले कुछ समय में ये और बेहतर हुए हैं। उन्होंने आशा जताई कि रक्षा क्षेत्र में हुए इस समझौते से ये संबंध और भी मजबूत होंगे।
वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस दौरान अपनी पिछली म्यांमार यात्रा को दौरान मिले सत्कार सम्मान को याद किया। साथ ही उन्होंने दोनों ही देशों के आपसी सहयोग, जल और थल में सैन्य सहयोग के साथ आर्थिक क्षेत्र और विकास के लिए मिलकर काम करने की बात कही। प्रधानमंत्री ने म्यांमार के साथ भविष्य में भी कंधे से कंधा मिलकार आपसी सहयोग से काम करने के संकल्प को दोहराया।