लश्कर और आईएस के साथ मिलकर पाक सेना भारत के खिलाफ बना रही खतरनाक प्लान

लश्कर के कमांडरों को पाकिस्तान से भेजे गए आत्मघाती हमलावरों सहित विभिन्न प्रकार के हमलों को अंजाम देने का काम सौंपा गया है। यह कदम ऐसे समय पर सामने आया है जब पाकिस्तान लश्कर, जमात-उद-दावा (जेयूडी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) जैसे अन्य समूहों पर नकेल कसने के लिए अमेरिका और वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) के लगातार दबाव में है। लश्कर के संस्थापक हाफिज सईद को हाल ही में आतंकी फंडिंग के आरोपों में गिरफ्तार किया गया है।
यह जानकारी पेंटागन और संयुक्त राष्ट्र के पैनल द्वारा अफगानिस्तान में सैकड़ों लश्कर कैडरों की उपस्थिति को लेकर आई रिपोर्ट से मेल खाती है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार पेंटागन की रिपोर्ट में लश्कर के गुर्गों की संख्या 300 बताई गई है, जबकि संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि अकेले 500 लड़ाके कुनार और ननगरहार प्रांतों में सक्रिय हैं।
एक अधिकारी ने कहा, 'अफगानिस्तान में लश्कर की मौजूदगी में लगातार वृद्धि हो रही है। हालिया इनपुट के अनुसार हाफिज सईद का बेटा तल्हा सईद अफगानिस्तान के परिचालन मामलों में काफी रूचि ले रहा है।' लश्कर गतिविधियों को लेकर यह जानकारी अमेरिका और अफगानिस्तान के साथ साझा की गई है।
लश्कर की अफगानिस्तान पर ध्यान केंद्रित करने की वजह वैचारिक के बजाय रणनीतिक हैं। जिसमें अपने लड़ाकों के लिए सुरक्षित ठिकानों का निर्माण और यह विश्वास कि तालिबान मजबूत स्थिति में हैं। उसके लड़ाके आसानी से सीमा पार कर रहे हैं। इसके अलावा लश्कर अफगानिस्तान में इस्लामिक जीत का श्रेय लेना चाहता है और वह कुनार, ननगरहार और नूरिस्तान में अपनी मौजूदगी में इजाफा कर रहा है।