शीला दीक्षित को चिट्ठी लिखकर घिरे प्रभारी चाको, शीला ने भी नेतृत्व से की थी इसकी शिकायत
पीसी चाको, शीला दीक्षित - फोटो : bharat rajneeti
पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के निधन से तीन दिन पहले प्रभारी पीसी. चाको की ओर से भेजी गई चिट्ठी को लेकर कांग्रेस के भीतर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं। पार्टी नेता चिट्ठी को उनकी बीमारी या निधन से तो नहीं जोड़ रहे हैं लेकिन सवाल उठा रहे हैं कि क्या प्रभारी को अधिकार है कि वे नेतृत्व की ओर से नियुक्त किसी प्रदेश अध्यक्ष को निर्देश देकर कामकाज किसी और को सौंपने को कह सकता है।
दरअसल पीसी. चाको ने शीला दीक्षित को चिट्ठी लिखकर कर कहा था कि आपकी सेहत ठीक नहीं है ऐसे में तीनों कार्यकारी अध्यक्ष स्वतंत्र रूप से काम करेंगे और बैठक बुलाएंगे। सूत्रों की मानें चाको के पत्र के बाद शीला दीक्षित ने इसे लेकर अपनी आपत्ति कांग्रेस नेतृत्व से जताई थी। जिसके बाद उन्होंने अगले दिन चाको को जवाब देने के लिए अपने अधीन तीनों कार्यकारी अध्यक्षों को राज्य से संबंधित जिम्मेदारियों के निर्देश जारी किए थे। चाको दिल्ली के प्रभारी हैं लेकिन प्रदेश अध्यक्ष के निधन और अगले दिन उनके अंतिम संस्कार के दौरान उनकी गैरमौजूदगी पर भी सवाल उठ रहे हैं। सूत्रों की मानें तो चाको को जानबूझकर दूर रखा गया। बताते हैं कि जिस तरह चाको की चिट्ठी को लेकर मीडिया में खबरें छपीं थी उसे देखते हुए ऐसे माहौल में उन्हें एआईसीसी, प्रदेश कार्यालय और निगम बोध घाट जाने से रोका गया।
चाको के करीबियों का कहना है कि वे शनिवार और रविवार को दिल्ली में नहीं थे इसलिए शामिल नहीं हो सके। सोमवार को चाको ने शीला दीक्षित के घर जाकर शोक व्यक्त किया और इस दौरान बेटे संदीप दीक्षित से मुलाकात की।