राज्यसभा भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, इस सत्र में पास हुए 32 विधेयक

खास बातें
इस पर अगले सत्र में चर्चा की जाएगी। जलियांवाला बिल में कांग्रेस अध्यक्ष का नाम जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक ट्रस्ट से न्यासी से हटाने का प्रस्ताव है। इस बिल पर लोकसभा मंजूरी दे चुकी है।
सभापति ने दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज को भी याद किया गया और सदस्यों ने मौन रखकर उन्हें श्रद्धाजंलि दी। भावुक सभापति ने कहा कि उनका आखिरी ट्वीट देश के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है। यह मेरे लिए निजी क्षति है और हर बार मैं उनसे राखी बंधवाने के लिए जाता था, लेकिन इस बार उन्होंने कहा था कि आप अब राखी पर मत आना क्योंकि आप देश के उपराष्ट्रपति हैं।
नेता सदन थावर चंद गहलोत ने कहा कि जलियावाला बाग स्मारक बिल अत्याधिक महत्वपूर्ण बिल है। इसे आज बिना चर्चा पास कर दिए जाए तो बहुत अच्छा होगा। इसके साथ ही कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की संख्या बढ़ाने संबंधित बिल ला रहे हैं दोनों को बिना चर्चा पास किया जाए तो बहुत अच्छा होगा।
राज्यसभा में सुप्रीम कोर्ट के जजों की संख्या बढ़ाने संबंधी बिल को कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने वापस ले लिया। इस पर अगले सत्र में चर्चा की जाएगी। सभापति ने कहा कि बिल पर सदन में चर्चा या पारित हुए बिना भी कानून बनेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि इसे मनी बिल के तौर पर लाया गया है और विपक्ष के नेता ने चर्चा के लिए सहमति जताई है जो अच्छी बात है।
विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने जलियांवाला बाग स्माकर बिल पर कहा कि इसे अगले सत्र के लिए रखा जाए उन्होंने कहा कि किसी भी मुद्दे पर आपस में लडने का मौका नहीं है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जलियांवाला बाग शताब्दी का वर्ष है।
1919 की त्रासदी से पूरा राष्ट्र आक्रोशित हुआ था। उन्होंने कांग्रेस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि सदन से आग्रह है कि बिल को सदन से पास किया जाए और नवंबर में इस पर चर्चा के लिए हम तैयार हैं।
सपा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि सुषमा जी के निधन से हम सभी दुखी हैं और ट्रस्ट में किसी को स्थाई नहीं रखना चाहिए जब जो जिस पद पर रहे वह अध्यक्ष रहे। बसपा सांसद सतीश मिश्रा ने भी सपा सांसद की बात का समर्थन किया है। टीएमसी ने बिल को लेकर तीन विकल्प दिए। बीजेडी ने कहा बिना चर्चा पास किया जाए या फिर सरकार अगले सत्र में लेकर आए। डीएमके ने बिल को अगले सत्र में लाने की बात कही।
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि बिल में नेता प्रतिपक्ष और सबसे बड़ी पार्टी के नेता का नाम शामिल है। सुषमा जी के निधन की वजह से इस बिल को बिना चर्चा पास होने दीजिए। अगर विपक्ष राजी नहीं है तो इस पर पूरी चर्चा होने दीजिए और कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट की कई सदस्यों का निधन हो चुका है और अब इसकी शताब्दी पर इस बिल को पास करने की जरूरत है।
केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल ने बिल पेश करते हुए कहा कि इसमें तीन छोटे संशोधन हैं। जिस पर कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि हम आज के दिन ऐसी चर्चा नहीं चाहते जिससे आपस में कोई कटुता हो। उन्होंने कहा कि अंतिम दिन लाने की कोई जरूरत नहीं थी।
जलियांवाला बाग के साथ देश की भावनाएं जुड़ी हैं। जिन्होंने भी देश की आजादी के लिए संघर्ष किया उनका नमन देश का कर्तव्य है। देश की आजादी के लिए कांग्रेस ने संघर्ष किया था। इसे स्वीकार करने में किसी को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।