370 पर अमेरिका, चीन के बाद रूस की दो टूक, भारत का फैसला संवैधानिक दायरे में - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

.

अन्य विधानसभा क्षेत्र

बेहट नकुड़ सहारनपुर नगर सहारनपुर देवबंद रामपुर मनिहारन गंगोह कैराना थानाभवन शामली बुढ़ाना चरथावल पुरकाजी मुजफ्फरनगर खतौली मीरापुर नजीबाबाद नगीना बढ़ापुर धामपुर नहटौर बिजनौर चांदपुर नूरपुर कांठ ठाकुरद्वारा मुरादाबाद ग्रामीण कुंदरकी मुरादाबाद नगर बिलारी चंदौसी असमोली संभल स्वार चमरौआ बिलासपुर रामपुर मिलक धनौरा नौगावां सादात

शनिवार, 10 अगस्त 2019

370 पर अमेरिका, चीन के बाद रूस की दो टूक, भारत का फैसला संवैधानिक दायरे में

370 पर अमेरिका, चीन के बाद रूस की दो टूक, भारत का फैसला संवैधानिक दायरे में

व्दादिमीर पुतिन-डोनाल्ड ट्रंप-शी जिनपिंग
व्दादिमीर पुतिन-डोनाल्ड ट्रंप-शी जिनपिंग - फोटो : Instagram

खास बातें

  • अनुच्छेद 370:  यूएन, अमेरिका और चीन के बाद अब रूस ने भी भारत के फैसले का किया समर्थन।
  • रूस ने कहा- जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला भारत के संविधान के दायरे में।
  • अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने कश्मीर मसले को द्विपक्षीय तरीके से सुलझाने को कहा।
पाकिस्तान कश्मीर मसले को हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने के लिए एड़ी चोटी की कोशिश कर रहा है मगर उसे उम्मीद की कोई किरण दिखाई नहीं दे रही है। शुक्रवार को पाकिस्तान की कोशिशों को उस समय झटका लगा जब संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और चीन ने उसका साथ देने से मना कर दिया। दरअसल, पाकिस्तान भारत सरकार के अनुच्छेद 370 को हटाने और जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांटकर केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले के खिलाफ अतंरराष्ट्रीय हस्तक्षेप या मध्यस्थता चाहता है।

रूस ने कहा- भारत ने 370 पर संवैधानिक फैसला लिया

वहीं शनिवार को अनुच्छेद 370 पर भारत सरकार के फैसले का रूस ने भी समर्थन किया है। रूस के विदेश मंत्रालय का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में जो भी परिवर्तन किए गए हैं वह भारतीय गणराज्य के संविधान के ढांचे के तहत किया गया है।
रूस के विदेशा मंत्रालय ने कहा है, हम भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों के सामान्यीकरण का समर्थक है। हमें उम्मीद है कि उनके बीच के मतभेदों को द्विपक्षीय आधार पर राजनीतिक और राजनयिक तरीकों से हल किया जाएगा। हमें उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान, भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर में किए गए बदलाव के बाद किसी तरह के तनाव को बढ़ावा नहीं देंगे।

पाकिस्तान ने यूएन से लगाई गुहार

इससे पहले छह अगस्त को पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) को पत्र लिखा था। मगर यूएन ने उसकी अपील को खारिज कर दिया। पाकिस्तान को सबसे बड़ा झटका चीन ने दिया जो उसका हर परिस्थिति में साथ देने वाला सहयोगी माना जाता है। भारत के कुछ कूटनीतिक कदमों ने इस बात को सुनिश्चित किया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् (यूएनएससी) पाकिस्तान के उस पत्र का संज्ञान न ले जिसमें उसने जम्मू कश्मीर के मसले पर हस्तक्षेप करने की मांग की थी। 

छह अगस्त को यूएनएससी और यूएन महासभा की अध्यक्ष को लिखे पत्र में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने हस्तक्षेप की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत ने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन किया है इसलिए इसमें हस्तक्षेप किया जाना चाहिए। पाकिस्तान ने दलील दी थी कि भारत ने जम्मू-कश्मीर को अनौपचारिक तरीके से विलय किया है और यह यूएनएससी के प्रस्ताव 48 का उल्लंघन है। 

अमेरिका और चीन ने भी लगाई लताड़

यूएनएससी ने पाकिस्तान के अनुरोध को खारिज करते हुए उसे शिमला समझौता की याद दिलाई। जिसके तहत कश्मीर मसला भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मसला है और इसमें तीसरा पक्ष हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। पाकिस्तान को अमेरिका से भी राहत नहीं मिली। यहां विदेश विभाग के प्रवक्ता मे कहा कि कश्मीर पर अमेरिकी नीति में कोई बदलाव नहीं है जो प्रत्यक्ष तौर पर द्विपक्षीय वार्ता के लिए कहता है। अंत में चीन ने पाकिस्तान का समर्थन करने से मना कर दिया और कहा कि वह भारत और पाकिस्तान को मैत्रीपूर्ण पड़ोसी मानता है और चाहता है कि वह कश्मीर मसले को यूएन के प्रस्ताव और शिमला समझौते के तहत सुलझाए।

Loan calculator for Instant Online Loan, Home Loan, Personal Loan, Credit Card Loan, Education loan

Loan Calculator

Amount
Interest Rate
Tenure (in months)

Loan EMI

123

Total Interest Payable

1234

Total Amount

12345