बाढ़ के बीच महाराष्ट्र में सुरक्षित स्थानों पर भेजे गए 1.32 लाख लोग, ओडिशा और कर्नाटक भी प्रभावित
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : bharat rajneeti
खास बातें
- बाढ़ प्रभावित 1.32 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया
- एनडीआरएफ, एसडीआरएफ सहित नौसेना की टीमें राहत कार्य में लगी
- मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की
पश्चिमी महाराष्ट्र में लगातार बारिश के बाद कोल्हापुर और सांगली जिलों में बाढ़ से बचाए गए 1.32 लाख से अधिक लोगों को बुधवार को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि पिछले सात दिनों में पश्चिमी महाराष्ट्र से बारिश और बाढ़ से संबंधित घटनाओं में 16 मौतें हुई हैं।
पुणे के संभागीय आयुक्त डॉ. दीपक म्हैसकर ने बताया कि पुणे, सतारा, सोलापुर, सांगली और कोल्हापुर जिलों में अब तक बाढ़ से प्रभावित 1.32 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। उन्होंने बताया कि सेना, नौसेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमें दोनों जिलों में बचाव अभियान चला रही हैं और बुधवार शाम तक एनडीआरएफ की छह और टीमों को कोल्हापुर भेजा जाएगा।
म्हैसकर ने बताया कि क्षेत्र के सभी बांधों के जल में वृद्धि होने के कारण पानी ओवरफ्लो हो रहे हैं और मौसम विभाग ने अगले तीन से चार दिनों तक लगातार बारिश होने की भविष्यवाणी की है। इधर, कोल्हापुर के रेजिडेंट डिप्टी कलेक्टर संजय शिंदे ने बताया कि ‘342 पुल पानी में डूबे होने के कारण उन्हें यातायात के लिए बंद कर दिया गया हैं।
उन्होंने बताया कि करीब 29 राज्य राजमार्ग और 56 मुख्य सड़कें बंद हैं। मुंबई-बंगलूरू राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या चार और कोल्हापुर-रत्नागिरि राजमार्ग अब भी बंद है। शिंदे ने बताया कि बचाव कार्य में 45 से ज्यादा नावों को लगाया गया है।
इधर, मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने बताया कि प्रभावित लोगों की सहायता के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमों के साथ बचाव और राहत कार्यों के लिए नौसेना, थल सेना, वायु सेना और तट रक्षकों को भी तैनात किया गया हैं।
मुख्यमंत्री फड़णवीस ने की बाढ़ की स्थिति की समीक्षा
cm devendra fadnavis : bharat rajneeti
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने अपने जनसंपर्क अभियान से समय निकालकर राज्य में बाढ़ के हालात का जायजा लेने के लिये यहां एक बैठक की अध्यक्षता की। राज्य के पश्चिमी हिस्सों में बीते कुछ दिनों में भारी बारिश हुई है, जिससे कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को कोल्हापुर, सांगली, रायगढ़ और पालघर जिलों में बाढ़ प्रभावित लोगों के लिये भोजन, पेयजल और अन्य जरूरी सामानों की आपूर्ति के लिये पर्याप्त इंतजाम करने का निर्देश दिया है।
ओडिशा: भारी बारिश से दो जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति
भुवनेश्वर| बंगाल की खाड़ी में बुधवार को कम दबाव का क्षेत्र बन जाने के कारण ओडिशा के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई। भारी बारिश होने के कारण कुछ इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई और रेल सेवाएं प्रभावित हुई। विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) बीपी सेठी ने बताया कि ‘दक्षिण ओडिशा के मलकानगिरि, रायगड़ा, कोरापुट, कंधमाल और गजपति जिलों में मूसलाधार बारिश से बड़े क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं।
कर्नाटक: बाढ़ से मरने वालों की संख्या तीन हुई
बंगलूरू| दक्षिणी राज्य कर्नाटक में बाढ़ से उत्तर और तटीय इलाकों के साथ-साथ मालनदा क्षेत्र में भी भारी तबाही मचाने के साथ ही साथ कर्नाटक में बारिश से मरने वाले लोगों की संख्या तीन हो गई। पुलिस सूत्रों ने बताया कि बुधवार को बेलागवी में घर गिरने से एक महिला की मौत हो गई, जबकि धारवाड़ जिले में बाढ़ के पानी में एक व्यक्ति बह गया।
बेलागवी जिले में ही मंगलवार को घर की दीवार गिरने के कारण एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई थी। पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के बांधों और कर्नाटक के बांधों से भारी मात्रा में छोड़ेे गए पानी के कारण सड़क और रेल संपर्क प्रभावित हुआ हैं।