'मेक इन इंडिया': इसरो ने निजी कंपनियों को पांच पीएसएलवी बनाने का न्योता दिया

खास बातें
हाल ही में इसरो को पचास साल पूरे हो गए हैं। विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि एक पूरी तरह से इंटीग्रेटिड पीएसएलवी लॉन्च वेहिकल की कीमत 200 करोड़ रुपये पड़ती है।
हालांकि सिवान ने इसकी कीमत को लेकर कुछ भी नहीं कहा है। एजेंसी की नई शाखा न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसएलआई) पर प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण की जिम्मेदारी है। इसकी जिम्मेदारी इसरो के अनुसंधान और विकास गतिविधियों को आगे बढ़ाने की भी है। जानकारी के मुताबित ये कंपनी इसरो के पीएसएलवी के निर्माण और लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) की जिम्मेदारी संभालेगी।