ठेकेदार की आत्महत्या के मामले में जेई और एई गिरफ्तार, आज जाएंगे जेल

प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : bharat rajneeti
ठेकेदार अवधेश चंद्र श्रीवास्तव की आत्महत्या के मामले में शुक्रवार को कैंट पुलिस ने पीडब्ल्यूडी के अवर अभियंता मनोज सिंह और सहायक अभियंता आशुतोष सिंह को गिरफ्तार कर लिया। दोनों को शनिवार को जेल भेजा जाएगा। अवधेश के सुसाइड नोट और कैंट थाने में दर्ज मुकदमे के आधार पर दोनों के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है। प्रकरण के शेष अन्य छह नामजद आरोपियों के खिलाफ तथ्यों और साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
नदेसर स्थित पीडब्ल्यूडी कॉलोनी में चीफ इंजीनियर अंबिका सिंह के कार्यालय में बीते 28 अगस्त की दोपहर ठेकेदार अवधेश ने अपनी कनपटी पर लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली मार कर खुदकुशी कर ली थी।
अवधेश आत्महत्या से पहले अपने ड्राइवर को छह पन्ने का सुसाइड नोट थमा गए थे। सुसाइड नोट के अनुसार पांच करोड़ रुपये बकाया का भुगतान न होने, पीडब्ल्यूडी के अभियंताओं की कमीशनखोरी और विभागीय भ्रष्टाचार से त्रस्त होकर अवधेश ने आत्मघाती कदम उठाया है।
अवधेश की आत्महत्या के बाद 29 अगस्त को उनकी पत्नी प्रतिभा की तहरीर के आधार पर कैंट थाने में पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर सहित आठ के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जेई मनोज और एई आशुतोष को हिरासत में लिया।
इस संबंध में एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने बताया कि ठेकेदार के सुसाइड नोट के आधार पर जेई और ऐई को गिरफ्तार किया गया है। शेष अन्य आरोपियों के खिलाफ जांच जारी है और साक्ष्य के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
नदेसर स्थित पीडब्ल्यूडी कॉलोनी में चीफ इंजीनियर अंबिका सिंह के कार्यालय में बीते 28 अगस्त की दोपहर ठेकेदार अवधेश ने अपनी कनपटी पर लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली मार कर खुदकुशी कर ली थी।
अवधेश आत्महत्या से पहले अपने ड्राइवर को छह पन्ने का सुसाइड नोट थमा गए थे। सुसाइड नोट के अनुसार पांच करोड़ रुपये बकाया का भुगतान न होने, पीडब्ल्यूडी के अभियंताओं की कमीशनखोरी और विभागीय भ्रष्टाचार से त्रस्त होकर अवधेश ने आत्मघाती कदम उठाया है।
अवधेश की आत्महत्या के बाद 29 अगस्त को उनकी पत्नी प्रतिभा की तहरीर के आधार पर कैंट थाने में पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर सहित आठ के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जेई मनोज और एई आशुतोष को हिरासत में लिया।
इस संबंध में एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने बताया कि ठेकेदार के सुसाइड नोट के आधार पर जेई और ऐई को गिरफ्तार किया गया है। शेष अन्य आरोपियों के खिलाफ जांच जारी है और साक्ष्य के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
...तो क्या चीफ इंजीनियर के कमरे में छीनाझपटी हुई थी
वाराणसी। पीडब्ल्यूडी कॉलोनी स्थित चीफ इंजीनियर अंबिका सिंह के कार्यालय में ठेकेदार अवधेश चंद्र श्रीवास्तव के खुदकुशी करने से पहले क्या छीनाझपटी हुई थी। कैंट पुलिस ने चीफ इंजीनियर के कार्यालय की फर्श पर बिखरे मिले पांच कारतूसों के आधार पर यह आशंका जताई है।
कैंट पुलिस का कहना है कि सामान्य परिस्थिति में रिवाल्वर के जमीन पर गिरने पर उसके चेंबर से कारतूस निकल कर इधर-उधर बिखरते नहीं हैं। अवधेश के रिवाल्वर का चेंबर भी बंद पड़ा मिला था। ऐसे में इससे इंकार नहीं किया जा सकता है कि अवधेश ने रिवाल्वर निकाली हो तो चीफ इंजीनियर के कमरे में मौजूद लोगों से उनकी छीनाझपटी हुई हो। इसी बीच उन्होंने रिवाल्वर कनपटी पर सटाई होगी और ट्रिगर दब गया होगा। पुलिस के अनुसार अवधेश की मौत के दृश्य के नाट्य रूपांतरण में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
बार-बार अचेत होने के कारण बयान नहीं दे सकीं प्रतिभा
कैंट थाने के दरोगा नागेश सिंह शुक्रवार की दोपहर ठेकेदार अवधेश के घर उनकी पत्नी प्रतिभा का बयान दर्ज करने पहुंचे। बातचीत के दौरान प्रतिभा के बार-बार अचेत हो जाने के कारण उनका पूरा बयान नहीं दर्ज किया जा सका।
दरोगा नागेश सिंह ने कहा कि वह दोबारा आएंगे और प्रतिभा की हालत सामान्य होने पर उनका बयान दर्ज करेंगे। इस दौरान दरोगा ने अवधेश के बेटों और उनके चालक बसंत से भी घटना के संबंध में पूछताछ कर बयान दर्ज किया।
ठेकेदार होते तो कब के गिरफ्तार हो गए होते, अभियंताओं को छूट
अवधेश की आत्महत्या के संबंध में दर्ज मुकदमे के नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए शुक्रवार को ठेकेदारों ने एडीजी जोन बृजभूषण, डीएम सुरेंद्र सिंह और एसएसपी आनंद कुलकर्णी से मुलाकात की। ठेकेदारों ने कहा कि यदि आरोपी कोई ठेकेदार होता तो वह अब तक जेल की सलाखों के पीछे होता, लेकिन मामला अभियंताओं से जुड़ा होने के कारण पुलिस कार्रवाई में ढिलाई बरत रही है।
तीनों अधिकारियों ने ठेकेदारों को आश्वस्त किया कि तथ्यों और साक्ष्य के आधार पर मामले में कार्रवाई की जाएगी। जिस किसी के भी खिलाफ साक्ष्य मिलेगा वह बचने नहीं पाएगा। डीएम और एसएसपी ने ठेकेदारों से अपील की कि शांतिपूर्वक पुलिस का सहयोग करें। पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने के साथ ही उनके खिलाफ अदालत में प्रभावी पैरवी कर उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिलाएगी।
कैंट पुलिस का कहना है कि सामान्य परिस्थिति में रिवाल्वर के जमीन पर गिरने पर उसके चेंबर से कारतूस निकल कर इधर-उधर बिखरते नहीं हैं। अवधेश के रिवाल्वर का चेंबर भी बंद पड़ा मिला था। ऐसे में इससे इंकार नहीं किया जा सकता है कि अवधेश ने रिवाल्वर निकाली हो तो चीफ इंजीनियर के कमरे में मौजूद लोगों से उनकी छीनाझपटी हुई हो। इसी बीच उन्होंने रिवाल्वर कनपटी पर सटाई होगी और ट्रिगर दब गया होगा। पुलिस के अनुसार अवधेश की मौत के दृश्य के नाट्य रूपांतरण में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
बार-बार अचेत होने के कारण बयान नहीं दे सकीं प्रतिभा
कैंट थाने के दरोगा नागेश सिंह शुक्रवार की दोपहर ठेकेदार अवधेश के घर उनकी पत्नी प्रतिभा का बयान दर्ज करने पहुंचे। बातचीत के दौरान प्रतिभा के बार-बार अचेत हो जाने के कारण उनका पूरा बयान नहीं दर्ज किया जा सका।
दरोगा नागेश सिंह ने कहा कि वह दोबारा आएंगे और प्रतिभा की हालत सामान्य होने पर उनका बयान दर्ज करेंगे। इस दौरान दरोगा ने अवधेश के बेटों और उनके चालक बसंत से भी घटना के संबंध में पूछताछ कर बयान दर्ज किया।
ठेकेदार होते तो कब के गिरफ्तार हो गए होते, अभियंताओं को छूट
अवधेश की आत्महत्या के संबंध में दर्ज मुकदमे के नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए शुक्रवार को ठेकेदारों ने एडीजी जोन बृजभूषण, डीएम सुरेंद्र सिंह और एसएसपी आनंद कुलकर्णी से मुलाकात की। ठेकेदारों ने कहा कि यदि आरोपी कोई ठेकेदार होता तो वह अब तक जेल की सलाखों के पीछे होता, लेकिन मामला अभियंताओं से जुड़ा होने के कारण पुलिस कार्रवाई में ढिलाई बरत रही है।
तीनों अधिकारियों ने ठेकेदारों को आश्वस्त किया कि तथ्यों और साक्ष्य के आधार पर मामले में कार्रवाई की जाएगी। जिस किसी के भी खिलाफ साक्ष्य मिलेगा वह बचने नहीं पाएगा। डीएम और एसएसपी ने ठेकेदारों से अपील की कि शांतिपूर्वक पुलिस का सहयोग करें। पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने के साथ ही उनके खिलाफ अदालत में प्रभावी पैरवी कर उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिलाएगी।