सरकार से मोटी रकम पाने वाले एनजीओ या संगठन आरटीआई के दायरे में : सुप्रीम कोर्ट
खास बातें
- एनजीओ या संगठनों को सूचना के अधिकार कानून के तहत मांगी गई जानकारी देनी होगी
- ऐसे एनजीओ आरटीआई कानून के दायरे में आते हैं
- सरकार से फंड लेने वाले एनजीओ पब्लिक अथॉरिटी की श्रेणी में
वैसे तमाम गैर सरकारी संगठन(एनजीओ) या संगठनों को सूचना के अधिकार कानून के तहत मांगी गई जानकारी देनी होगी जो सरकार से बड़ी रकम फंड के तौर पर पाते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक आदेश में कहा है कि ऐेसे एनजीओ आरटीआई कानून केदायरे में आते हैं। नागरिकों को यह जानने का हक है कि उनके पैसों का बेजा इस्तेमाल तो नहीं किया जा रहा है। न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस ने अपने आदेश में कहा है कि हमें ऐसा कोई कारण नहीं दिखता कि देश के नागरिकों को यह पूछने का अधिकार नहीं है कि उसके द्वारा दिए गए पैसों का इस्तेमाल कहां हो रहा है। नागरिकों का यह जानने का हक है कि किसी एनजीओ या संगठन को जिन उद्देश्यों के लिए सरकार की ओर से जो फंड दिया जा रहा है, उनका इस्तेमाल उसी उद्देश्य केलिए हो रहा है या नहीं?
पीठ ने कहा कि वैसे संगठन या एनजीओ जो सरकार से बड़ी राशि बतौर फंड प्राप्त करते हैं, वह सूचना के अधिकार कानून की धारा-दो एच) के तहत %पब्लिक अथॉरिटी’ की श्रेणी में आते हैं। शीर्ष अदालत ने यह आदेश कुछ कॉलेज व संगठनों द्वारा चलाए जाने वाले कॉलेजों द्वारा दायर अपील पर दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि ऐसा कोई भी संगठन जो सरकार के फंड के तौर पर बड़ी रकम हासिल करता है तो वह पब्लिक अथॉरिटी की श्रेणी में आता है।