स्मार्ट सिटी को मिलेगी सेफ्टी बटन, एक क्लिक पर होगी स्वच्छता रेटिंग
खास बातें
- स्मार्ट सिटी मिशन के तहत तैयार हो रहे मॉडल
- 2024 पर सभी शहरों के आंकड़े होंगे ऑनलाइन
- स्वच्छ काशी पोर्टल एक सप्ताह में
अधिकारियों का कहना है कि महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से पुणे का मॉडल बेहतर साबित होगा। मंत्रालय का इंडियन अर्बन ऑब्जरवेटरी (आईयूओ) अलग-अलग जगहों से डाटा जुटाकर एक प्लेटफार्म पर ला रहा है। इसमें सड़क व क्षेत्र विशेष का क्राइम रिकॉर्ड, सड़कों व गलियों का ढांचा, लाइटिंग, क्षेत्रवार आबादी, पुलिस पेट्रोलिंग की स्थिति, सीसीटीवी कैमरों की संख्या आदि के आधार हर गली व सड़क की सुरक्षा रेटिंग होगी। दिलचस्प यह कि तयशुदा मानकों के आधार पर रेटिंग साफ्टवेयर सिस्टम से ही होती रहेगी।
सुरक्षा रेटिंग से रियल एस्टेट को मिल सकता है बूम
अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा रेटिंग भविष्य में शहरी नियोजकों के लिए काफी अहम साबित होगी। उन जगहों में रियल एस्टेट सेक्टर को बूम मिल सकता है, जिसकी सुरक्षा रेटिंग लगातार बेहतर रही है। आम लोग व कारोबारी वहीं निवेश करना पसंद करेंगे, जहां उन्हें सुरक्षित माहौल मिलेगा। अभी इसका ट्रायल चल रहा है और अक्तूबर के अंत तक इसे लांच कर दिया जाएगा।
स्वच्छ काशी पोर्टल एक सप्ताह में
आईयूओ स्मार्ट शहर वाराणसी की स्वच्छता रेटिंग के लिए एक पोर्टल तैयार कर रहा है। सोमवार दोपहर करीब 12 बजे शहर के एक हजार स्थानों से तीन हजार से ज्यादा लोगों ने तस्वीरें अपलोड की थीं। वहीं, बीते सात दिन में 60,000 से ज्यादा लोगों ने अपना फीडबैक दिया है। इसके आधार पर गलियों व घाटों की स्वच्छता रेटिंग तय की जा रही है।
अधिकारी बताते हैं कि अभी इसका ट्रायल चल रहा है। एक सप्ताह में इसे ऑनलाइन कर दिया जाएगा। इसके बाद लोग पता कर सकेंगे कि उनकी गली कितनी सुरक्षित है। मंत्रालय का मानना है कि इससे लोगों में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और वह खुद ही अपने आसपास की साफ-सफाई के लिए आगे आएंगे।
अधिकारी बताते हैं कि अभी इसका ट्रायल चल रहा है। एक सप्ताह में इसे ऑनलाइन कर दिया जाएगा। इसके बाद लोग पता कर सकेंगे कि उनकी गली कितनी सुरक्षित है। मंत्रालय का मानना है कि इससे लोगों में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और वह खुद ही अपने आसपास की साफ-सफाई के लिए आगे आएंगे।
2024 पर सभी शहरों के आंकड़े होंगे ऑनलाइन
मंत्रालय ने स्मार्ट सिटी मिशन के तहत मंत्रालय में ही इंडियन अर्बन ऑब्जरवेटरी (आईयूओ) का गठन किया है। आईयूओ रियल टाइम व आकाईव में रखे गए आंकड़ों को एक प्लेटफार्म पर ला रहा है। योजना के अनुसार, 2020 के आखिर तक सभी 100 स्मार्ट सिटी के शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, ट्रैफिक, परिवहन, स्वच्छता, सुरक्षा से जड़े जरूरी आंकड़े रियल टाइम आधार पर ऑनलाइन होंगे।
वहीं, 2022 तक मिशन अमृत के 500 शहर व 2024 तक सभी 4,000 से ज्यादा शहरी निकायों के आंकड़े ऑनलाइन होंगे। अधिकारियों ने बताया कि आम लोगों की पहुंच सभी आंकड़ों तक नहीं रहेगी। उन्हें उनकी जरूरत का डाटा ही उपलब्ध रहेगा। वहीं, सरकारी संस्थानों, सुरक्षा एजेंसियों व निजी संस्थानों को उनकी मांग के आधार पर डाटा उपलब्ध कराया जाएगा।
वहीं, 2022 तक मिशन अमृत के 500 शहर व 2024 तक सभी 4,000 से ज्यादा शहरी निकायों के आंकड़े ऑनलाइन होंगे। अधिकारियों ने बताया कि आम लोगों की पहुंच सभी आंकड़ों तक नहीं रहेगी। उन्हें उनकी जरूरत का डाटा ही उपलब्ध रहेगा। वहीं, सरकारी संस्थानों, सुरक्षा एजेंसियों व निजी संस्थानों को उनकी मांग के आधार पर डाटा उपलब्ध कराया जाएगा।