महाराष्ट्र में 36 मंत्रियों के शपथ लेने के बाद भी विभागों का बंटवारा नहीं हो पाया है। सोमवार को कैबिनेट विस्तार के बाद भी विभागों के बंटवारे को लेकर महाविकास अघाड़ी के बीच खींचतान जारी है। मंत्री पद को लेकर कुछ विधायकों की नाराजगी के बीच तीनों दलों के नेताओं ने विभाग आवंटन को अंतिम रूप देने के लिए बुधवार को बैठकें कीं। इसी बीच शिवसेना ने माना है कि राज्य में प्रमुख विभागों के बंटवारे को लेकर गठबंधन की तीनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं के बीच खींचतान जारी है।
शिवसेना का कहना है कि कुछ विधायकों को मंत्री नहीं बनाया जा सका क्योंकि संभावितों की सूची बहुत बड़ी थी। वहीं राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इसपर सफाई देते हुए कहा, 'मैंने कल भी कहा था कि जहां तक मंत्रियों के विभागों के बंटवारे का संबंध है, चीजें स्पष्ट हैं। आज रात तक सभी को उनके मंत्रालय बांट दिए जाएंगे।'
संग्राम थोपटे के कार्यकर्ताओं के विरोध को बताया गुंडागर्दी
उसने कांग्रेस विधायक संग्राम थोपटे को मंत्री ना बनाए जाने के विरोध में कुछ लोगों द्वारा मंगलवार को पुणे में पार्टी कार्यालय पर हमला किए जाने की भी निंदा की। उसने कहा कि कांग्रेस अकसर शिवसेना के प्रदर्शन को गुंडागर्दी करार देती है लेकिन थोपटे के कथित समर्थकों ने जो किया वह भी वही था। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा कि यह कांग्रेस की संस्कृति को शोभा नहीं देता।
आदित्य ठाकरे सहित 36 मंत्रियों ने ली थी शपथ
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने करीब एक महीने पुराने अपने मंत्रिमंडल में सोमवार को विस्तार करते हुए अपने 29 वर्षीय बेटे आदित्य ठाकरे समेत 36 मंत्रियों को इसमें शामिल किया था। शिवसेना ने कहा, 'मंत्रिमंडल का विस्तार करने की आवश्यकता थी, इसमें देरी हुई लेकिन आखिरकार यह हुआ। जिन लोगों को शामिल नहीं किया गया, वे निराश हैं। पर संभावितों की सूची काफी बड़ी थी।'
फडणवीस पर साधा निशाना
उसने कहा कि विपक्ष (भाजपा) इस पर टीका-टिप्पणी कर रहा है लेकिन देवेंद्र फडणवीस नीत पूर्व सरकार में भी मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर ऐसी परेशानियां सामने आई थीं। उसने कहा, 'मजबूत और अनुभवी मंत्रिमंडल सत्ता में है और उसे काम करने देना चाहिए।' शिवसेना विधायक भास्कर जाधव को मंत्रिमंडल में शामिल ना किए जाने पर उनके स्तब्ध होने पर सामना ने कहा कि मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने का जाधव सहित किसी को वादा नहीं किया गया था। जाधव राकांपा छोड़कर ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल हुए थे।
प्रणीति शिंदे के समर्थक ने खून से लिखी चिट्ठी
कांग्रेस की एक और विधायक प्रणीति शिंदे भी मंत्रिमंडल में शामिल ना किए जाने को लेकर नाराज हैं और उनके समर्थक ने पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को खून से पत्र भी लिखा था। तीन बार की विधायक के समर्थक ने कहा था कि प्रणीति शिंदे और उनके पिता ने पार्टी के लिए कड़ी मेहनत की है और पार्टी नेतृत्व के प्रति हमेशा वफादार रहे हैं। शिवसेना ने कहा, 'उनके पिता गांधी परिवार और कांग्रेस की वजह से ही मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री बनें।' सोलापुर से विधायक प्रणीति कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे की बेटी हैं।