आज भारत बंद, ट्रेड यूनियनों की ये है डिमांड लिस्ट - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

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बुधवार, 8 जनवरी 2020

आज भारत बंद, ट्रेड यूनियनों की ये है डिमांड लिस्ट

केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ देशभर की 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने आज हड़ताल का ऐलान किया है. इस हड़ताल में कई बैंक यूनियन शामिल होने वाली हैं.
आज भारत बंद, ट्रेड यूनियनों की ये है डिमांड लिस्ट

  • हड़ताल से कुछ बैंकों के ATM में हो सकती है कैश की किल्‍लत
  • सरकारी बैंकों के विलय का लगातार बैंक यूनियन कर रहा है विरोध
केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ देशभर की 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने आज भारत बंद का ऐलान किया है. इस हड़ताल में कई बैंक यूनियन भी शामिल होने वाली हैं. दरअसल इस हड़ताल में जिस बैंक ब्रांच के कर्मचारी शामिल होंगे, वहां कामकाज प्रभावित होने की आशंका है. इसके अलावा एटीएम में भी कैश की किल्‍लत हो सकती है.

बैंक में काम हो सकता है बाधितहालांकि स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया की ओर से कहा गया कि हड़ताल में भाग लेने वाली यूनियनों में हमारे बैंक कर्मचारियों की सदस्यता बहुत कम है. ऐसे में बैंक के कामकाज पर हड़ताल का असर कम से कम होगा. 22,000 शाखाओं के साथ एसबीआई देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक है.

जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा को डर है कि हड़ताल का असर उसके कामकाज पर पड़ेगा. बैंक ने कहा कि वह अपने ब्रांच के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक उपाय सुनिश्चित कर रहा है. इसी तरह केनरा बैंक को भी हड़ताल से कामकाज प्रभावित होने की आशंका है.

ट्रेड यूनियनों की मांग क्या है?जिन ट्रेड यूनियन ने भारत बंद बुलाया है, उनका दावा है कि केंद्र सरकार की ओर आर्थिक और जन विरोधी नीतियों को लागू किया जा रहा है. इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे लेबर लॉ का भी विरोध किया जा रहा है. स्टूडेंट यूनियन की ओर से शिक्षण संस्थानों में फीस बढ़ाने का विरोध किया जा रहा है. यूनियन की मांग है कि केंद्र सरकार का कर्मचारियों से बातकर नीतियों को आगे बनाना चाहिए.

यूनियन की तरफ से 13 प्वाइंट की मांग रखी गई हैं, जिनमें आम लोगों की जरूरत वाली चीजों के बढ़ते दाम को काबू करना भी शामिल है. पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम, बेरोजगारी, महंगाई पर काबू पाने के लिए नीति बनाना.

इसके अलावा जो मुख्य मांग है कि मजदूरों की तन्ख्वाह बढ़ाना, इस मांग को काफी लंबे समय से रखा जा रहा है. यूनियन की मांग है कि यूनियन मजदूरों की न्यूनतम तन्ख्वाह 21 हजार रुपये प्रति माह होनी चाहिए.

यूनियन की कुछ और मांगें...

सोशल हेल्थ सर्विस में खुद को शामिल करना

मजदूरों को मिड डे मील मिलना

6000 रुपये की न्यूनतम पेंशन

पब्लिक सेक्टर बैंक के मर्जर का विरोध

बैंक यूनियन मर्जर प्लान के खिलाफ

वहीं सरकारी क्षेत्र का सिंडिकेट बैंक भी प्रस्तावित हड़ताल के मद्देनजर अपने परिचालन को सामान्य बनाये रखने के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है.

बता दें, देशव्‍यापी हड़ताल में बैंक यूनियन- अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (AIBEA), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (AIBOA), बैंक कर्मचारी फेडरेशन ऑफ इंडिया (BEFI), इंडियन नेशनल बैंक एम्पलाइज फेडरेशन (INBEF), भारतीय राष्ट्रीय बैंक अधिकारी कांग्रेस (INBOC) और बैंक कर्मचारी सेना महासंघ (BKSM) शामिल हैं.

गौरतलब है कि ट्रेड यूनियनों इस भारत बंद में हिस्सा लेने के लिए पिछले महीने संयुक्त तौर पर एक सर्कुलर जारी किया था. मोदी सरकार द्वारा सरकारी बैंकों का विलय और बैंकिंग सुधारों को लेकर बैंकिंग यूनियंस केंद्र से नाराज चल रहे हैं

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