जहां एक तरफ कांग्रेस फोटो वायर के बाद समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को आड़े हाथों लेते हुए नजर आ रही है तो वहीं मोहन भागवत और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव की तस्वीर को लेकर सपा के वरिष्ठ नेता और सांसद एसटी हसन ने कांग्रेस को कड़ा जवाब दिया।
Lucknow : Uttar Pradesh Assembly Elections की सियासी तपिश के बीच उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की पोती की शादी के कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत और सपा के संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव (Former Chief Minister Mulayam Singh Yadav) की मुलाकात हुई। तस्वीर में दोनों नेता एक ही सोफे पर बैठे नजर आ रहे हैं। इस मुलाकात ने प्रदेश में सियासी माहौल को और गर्म कर दिया है। संघ प्रमुख और मुलायम सिंह की यह मुलाकात भले ही एक वैवाहिक समारोह में एक सामान्य मुलाकात मानी जा रही हो, लेकिन अलग-अलग विचारधाराओं से जुड़ी इन हस्तियों की साथ में तस्वीर से सियासी तपिश बढ़ गई है। यूपी कांग्रेस ने अखिलेश यादव के नए नारे 'नई सपा' को लेकर तंज कसते हुए मुलायम-भागवत की तस्वीर के बहाने सपा को संघवाद से जोड़ दिया है।
कांग्रेस ने सपा के संघ से जोड़कर मुस्लिम वोटों को साधने का दांव चला (Congress played a gamble to mobilize Muslim votes by linking it with the SP's union.)
कांग्रेस ने सपा के संघ से जोड़कर मुस्लिम वोटों को साधने का दांव चला है, क्योंकि सूबे के सियासी फिजा में इस बार मुस्लिमों का झुकाव अखिलेश यादव की तरफ दिख रहा है। ऐसे में विपक्ष इसे सियासी हथियार के तौर पर सपा के खिलाफ आजमाना शुरू कर दिया है।
कांग्रेस के आरोपों से भड़के सपा सांसद एसटी हसन (SP MP ST Hassan furious with Congress's allegations)
जहां एक तरफ कांग्रेस फोटो वायरल होने के बाद समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को आड़े हाथों लेते हुए नजर आ रही है तो वहीं मोहन भागवत और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव (SP chief Mulayam Singh Yadav) की तस्वीर को लेकर सपा के वरिष्ठ नेता और सांसद एसटी हसन ने कांग्रेस को कड़ा जवाब दिया। एसटी हसन ने कहा कि मुलायम सिंह यादव और मोहन भागवत की एक तस्वीर वायरल हो रही है जिस पर कांग्रेस अलग अलग तरीके से गलत टिप्पणियां कर रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कई सांसद सेंट्रल हॉल में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के लोगों के साथ बैठते हैं और चाय भी पीते हैं लेकिन वहीं दूसरी तरफ जब शिष्टाचार मुलाकात के दौरान एक फोटो वायरल होती है तब ऐसे में सपा को संघवाद का दर्जा दे दिया जाता है। यह बातें बताने के लिए काफी है कि राजनीति का स्तर गिरता जा रहा है। मुलायम सिंह यादव वही नेता हैं जिन्होंने शुरुआत से आरएसएस की जिंदगी भर मुखालफत की है लेकिन फोटो को देखकर जो कहा जा रहा है बेहद गलत है। समाजवादियों की तहजीब नहीं है कि किसी को देख कर मुंह फेर ले। हम सब से मिलते हैं और अपने उसूलों पर हमेशा ही टिके रहते हैं।
मोहन भागवत और मुलायम सिंह यादव की मुलाकात के नहीं है सियासी मायने: बीजेपी (Mohan Bhagwat and Mulayam Singh Yadav's meeting has no political meaning : BJP)
बीजेपी सांसद अनिल अग्रवाल ने कहा, "कांग्रेस के द्वारा जो तंज मोहन भागवत जी और मुलायम सिंह यादव पर कसे गए हैं वह गलत है। क्या दो राजनीतिक व्यक्ति एक साथ किसी शादी समारोह में नहीं मिल सकते। कांग्रेस का यह कहना कि सपा का अर्थ अब संघवाद हो गया है यह कांग्रेस की ओछी मानसिकता को दर्शाता है।"
बता दें कि संघ प्रमुख और सपा संस्थापक (Sangh chief and SP founder) की एक साथ फोटो भले ही देखने को मिली हो लेकिन दोनों की विचारधारा एक दूसरे से बेहद अलग है। कई मौकों पर मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) और मौजूदा अध्यक्ष अखिलेश यादव संघ को लेकर तीखे बयान दे चुके हैं। वहीं संघ से जुड़े संगठन भी मुलायम सिंह यादव पर कारसेवकों पर गोली चलाने का आरोप लगाते रहे हैं।