'We will fight for the rights of youth', the girl who showed black flag to CM Yogi
पूजा शुक्ला तब सुर्खियों में आईं जब उन्होंने जून 2017 में सरकारी नीतियों के खिलाफ 10 अन्य लोगों के साथ लखनऊ विश्वविद्यालय की सड़क पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के काफिले को रोकने की कोशिश की और उन्हें काला झंडा दिखाया।
Politics news from India HIGHLIGHTS
- पूजा शुक्ला अब लखनऊ उत्तर से समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार है
- वह उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सबसे कम उम्र के उम्मीदवारों में से हैं
- उसने 2017 में लखनऊ विश्वविद्यालय की सड़क पर सीएम योगी को काला झंडा दिखाया था
Politics news from India लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को काला झंडा दिखाने और उसके बाद गिरफ्तार किए जाने की घटना ने 25 वर्षीय पूजा शुक्ला को मुख्यधारा की राजनीति में लाने के रास्ते खोल दिए हैं। शुक्ला अब लखनऊ उत्तर से समाजवादी पार्टी (सपा) की उम्मीदवार हैं और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सबसे कम उम्र के उम्मीदवारों में से हैं। पूजा तब सुर्खियों में आईं जब उन्होंने जून 2017 में सरकारी नीतियों के खिलाफ 10 अन्य लोगों के साथ लखनऊ विश्वविद्यालय की सड़क पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के काफिले को रोकने की कोशिश की और उन्हें काला झंडा दिखाया।
घटना के बारे में पूजा ने बताया, ‘‘7 जून, 2017 को जब योगी 'हिंदी स्वराज दिवस' कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर जा रहे थे, तब ‘ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन’, स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया और समाजवादी छात्र सभा से संबद्ध छात्रों ने सड़क पर बैठकर उनके काफिले को रोक दिया, उन्हें काले झंडे दिखाए और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।'' उन्होंने कहा,‘‘ हमें गिरफ्तार कर लिया गया और अगले दिन जेल भेज दिया गया। यह तब हुआ जब हमने विरोध करने के लिए केवल लोकतांत्रिक तरीकों का इस्तेमाल किया। मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा होगा लेकिन इसने सही के लिए लड़ने में मेरे विश्वास को और मजबूत किया।’’
बीस दिन के बाद जेल से रिहा होने पर, पूजा ने समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की और समाजवादी पार्टी की छात्र शाखा समाजवादी छात्र सभा का चेहरा बन गईं। यह पूछे जाने पर कि उन्होंने समाजवादी पार्टी को क्यों चुना, पूजा ने कहा, ‘‘मैं मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक संघर्ष और अखिलेश यादव की नीतियों से प्रभावित थी। इसके अलावा, एक युवा के रूप में जो छात्र राजनीति में सक्रिय रहा है, मुझे लगता है कि समाजवादी पार्टी लोकतांत्रिक मूल्यों के करीब है, जिसका भाजपा और उसके समर्थक उल्लंघन करने पर आमादा हैं।’’
वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री को कथित रूप से काला झंडा दिखाने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रवेश से वंचित होने के बाद, पूजा ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी, जिससे विश्वविद्यालय प्रशासन को मजबूर होना पड़ा और सभी छात्रों को प्रवेश की अनुमति दी गई। अपने चुनावी एजेंडे के बारे में शुक्ला ने कहा कि वह एक राजनेता के रूप में युवाओं और छात्रों के अधिकारों के लिए लड़ना जारी रखना चाहती हैं। उन्होंने कहा,‘‘मेरा मानना है कि युवाओं को खासकर छात्रों को शिक्षा के नाम पर राजनीति से दूर रखा जाता है, इसे बदलना होगा। राजनीतिक रूप से जागरुक छात्र ही एक बेहतर नेता चुन सकता है। इस तरह युवा देश की राजनीति को बदल सकते हैं और इसे वापस विकास की ओर ला सकते हैं।’’
पूजा जनवरी 2020 में लखनऊ के क्लॉक टॉवर पर सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाली महिलाओं के एक समूह में शामिल हुई थीं। पूजा और सदफ जाफर,जिन्हें लखनऊ मध्य से कांग्रेस पार्टी का टिकट मिला हैं, उस विरोध प्रदर्शन के प्रमुख चेहरों में से थे। समाजवादी पार्टी द्वारा उन्हें टिकट दिए जाने से पहले से ही पूजा लखनऊ उत्तर में सक्रिय रूप से प्रचार कर रही हैं। उनका मुकाबला भाजपा के वर्तमान विधायक डा नीरज बोरा से है। बोरा को भाजपा ने इस क्षेत्र से दूसरी बार मौका दिया हैं । यह पूछे जाने पर कि वह भाजपा के खिलाफ कैसे लड़ पाएंगी और क्या उनके पास पर्याप्त संसाधन हैं?
पूजा ने कहा, ‘‘मैं एक मध्यम वर्गीय परिवार से आती हूं और भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ लड़ने के लिए संसाधनों की कमी है। हालांकि पार्टी और स्थानीय लोगों, खासकर युवाओं के समर्थन से, मुझे विश्वास है कि मैं यह चुनाव जीत सकूंगी।’’ लखनऊ में चौथे चरण में 23 फरवरी को मतदान होना है।