Supreme court historic verdict on sedition law :- देशद्रोह कानून की समीक्षा होने तक किसी के खिलाफ FIR नहीं, मौजूदा आरोपी भी ज़मानत के लिए दें अर्ज़ी - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

.

अन्य विधानसभा क्षेत्र

बेहट नकुड़ सहारनपुर नगर सहारनपुर देवबंद रामपुर मनिहारन गंगोह कैराना थानाभवन शामली बुढ़ाना चरथावल पुरकाजी मुजफ्फरनगर खतौली मीरापुर नजीबाबाद नगीना बढ़ापुर धामपुर नहटौर बिजनौर चांदपुर नूरपुर कांठ ठाकुरद्वारा मुरादाबाद ग्रामीण कुंदरकी मुरादाबाद नगर बिलारी चंदौसी असमोली संभल स्वार चमरौआ बिलासपुर रामपुर मिलक धनौरा नौगावां सादात

बुधवार, 11 मई 2022

Supreme court historic verdict on sedition law :- देशद्रोह कानून की समीक्षा होने तक किसी के खिलाफ FIR नहीं, मौजूदा आरोपी भी ज़मानत के लिए दें अर्ज़ी

Supreme court में बुधवार को देशद्रोह कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है. भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अगुवाई वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ मामले की सुनवाई कर रही है.

Supreme court में देशद्रोह कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर हो रही सुनवाई.

Supreme court में बुधवार को देशद्रोह कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई. भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अगुवाई वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने मामले की सुनवाई की. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि देशद्रोह कानून पर तब तक रोक रहे, जब तक इसका पुनरीक्षण हो. कोर्ट ने कहा है कि राजद्रोह की धारा 124-A में कोई नया केस नहीं दर्ज हो.

Supreme court ने सभी मामलों पर रोक लगा दी है. राजद्रोह में बंद लोग बेल के लिए कोर्ट जा सकते हैं. कोर्ट ने कहा है कि नई FIR होती है तो वह कोर्ट जा सकते हैं. इसका निपटारा जल्द से जल्द कोर्ट करें. chief justice ने कहा है कि केंद्र सरकार कानून पर पुनर्विचार करेगी .

सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से एसजी ने कहा कि हमने एक प्रस्ताव तैयार किया है. हम एक संज्ञेय अपराध को नहीं रोक सकते जो कि किया जाएगा. लेकिन हमने एक proposal तैयार किया है. एफआईआर तभी दर्ज हो, जब एसपी स्तर के अधिकारी या उससे ऊपर के अधिकारी को लगता है कि देशद्रोह का आरोप लगाया जाना चाहिए.

एसजी ने कहा कि आप निर्देश दे सकते हैं कि जमानत के आदेश पर शीघ्र निर्णय लिया जाए. लेकिन इससे परे एक ऐसे कानून पर बने रहना गलत होगा, जिसकी संवैधानिकता को पहले ही आंका जा चुका है. याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इसका विरोध जताया.

Loan calculator for Instant Online Loan, Home Loan, Personal Loan, Credit Card Loan, Education loan

Loan Calculator

Amount
Interest Rate
Tenure (in months)

Loan EMI

123

Total Interest Payable

1234

Total Amount

12345