सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय-राज्यमंत्री रवींद्र जायसवाल विवि को देंगे 25 लाख रूपये - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

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शुक्रवार, 19 अगस्त 2022

सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय-राज्यमंत्री रवींद्र जायसवाल विवि को देंगे 25 लाख रूपये


वाराणसी। हरियाणा के गुरुग्राम स्थित भारतीय शिक्षा मंडल के पुष्पेन्द्र राठी ने कहाकि धर्म हमारे राष्ट्र के कण-कण में व्याप्त है। इसलिए भारतीय राष्ट्रवाद आध्यात्मिक राष्ट्रीयता के रूप में जाना जाता रहा है। यही कारण रहा है कि हमारे ऋषियों ने भारत भूमि को माता कहा है। ‘माता भूमि पुत्रोहं पृथिव्याः‘ वाला यह राष्ट्र ही है जहां ऋषियों ने ब्रह्म का साक्षात्कार किया। विश्व को परिवार मानने की सुंदर कल्पना भी इसी भूमि से उपजी है।

यह विचार सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित ‘वेद एवं वेदांगों में राष्ट्रधर्म‘ विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी में शुक्रवार को अखिल भारतीय सहसम्पर्क प्रमुख पुष्पेन्द्र राठी ने मुख्य अतिथि पद से व्यक्त किये। उन्होंने कहाकि सम्पूर्ण विश्व भारत की तरफ और भारत माता शिक्षकों की तरफ देख रही हैं। शिक्षक ही भारतीय ज्ञान परम्परा को समाज व राष्ट्र को दे सकते हैं। आज हम नये स्फूर्ति और उर्जा से युक्त हो नवाचार करें। शिक्षक मे सकारात्मक उर्जा का भाव है और वह दुनिया को बदल सकते हैं। अपने माध्यम से सृजनकर्ता विद्यार्थी की उपज करें जो राष्ट्र के निर्माण में सहयोगी बन सकेंगे।


विशिष्ट अतिथि स्टाम्प एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल ने कहा कि इस विश्वविद्यालय ने विश्व स्तर पर संस्कृत को प्रतिष्ठित किया है। देश के प्रधानमंत्री, राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री सभी इस संस्था की पुरानी गरिमा-गौरव को लेकर विचार करते हैं। आजादी के अमृत महोत्सव पर हम सभी मिलकर नवाचार करें। संकल्प लेकर देववाणी भाषा संस्कृत के इस मन्दिर के उत्थान में सहयोगी बनें। शास्त्रों के ज्ञाता को सभी नमन करते हैं। राज्यमंत्री ने कहा कि काशी मे जो भी पर्यटन या धार्मिक दृष्टि से आता है वह बाबा विश्वनाथ का दर्शन करता है। वह अच्छे ज्योतिषियों से मिलने की इच्छा रखता है। इस संस्था मे 50 ज्योतिषियों का हब बनाएं जो ज्योतिष परामर्श केन्द्र की तरह हो। यहां के ज्योतिषियों पर सभी को भरोसा और विश्वास होगा। इससे यहां पर्यटन दृष्टि से अभिवृद्धि होगी। इस मौके पर राज्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के विकास एवं कल्याण के लिए विधायक निधि से 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद अध्यक्ष प्रो. नागेन्द्र पांडेय ने कहा कि वैदिक ग्रंथों में भारतीय राष्ट्र की अवधारणा स्पष्ट दृष्टिगोचर होती है। वेदों में राष्ट्र की महिमा गान के साथ ही राष्ट्र के कल्याण की कामना की गई है। वैदिक ग्रंथों के अध्ययन से इस सत्य का सत्यापन होता है कि राष्ट्र की अवधारणा भी वेदों, विशेषकर ऋग्वेद तथा अथर्ववेद में व्यक्त है। सहस्त्राब्दियों से ऋग्वेद के अनेक मंत्र हमारी मातृभूमि और संस्कृति के गुणों व महत्त्व की प्रेरणा देते आए हैं। कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने संगोष्ठी की अध्यक्षता की। उन्होंने कहाकि ‘राष्ट्र’ शब्द का प्रथम प्रयोग वेद में हुआ है। राष्ट्र की प्रगति की बात वेदों में वर्णित है। उसके आठ आधार बताए गए हैं- सत्य, ऋत, उद्यम, उग्र, दीक्षा, तप, ब्रह्म और यज्ञ। यजुर्वेद में कहा गया है- वयं राष्ट्रे जागृयाम् पुरोहितारू यानी हम सभी राष्ट्र-जन राष्ट्र की रक्षा के लिए जाग्रत और जीवंत रहें।

संगोष्ठी के आरम्भ में अतिथियों ने दीप प्रज्जवलन एवं मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण किया। वैदिक व पौराणिक मंगलाचरण क्रमशः डॉ. विजय कुमार शर्मा, डॉ. राजा पाठक ने किया। स्वागत ज्योतिष विभागाध्यक्ष प्रो. अमित कुमार शुक्ल ने व धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मधुसूदन मिश्र ने किया। संचालन वेद वेदांग संकाय के अध्यक्ष आचार्य महेंद्र पान्डेय ने किया। संगोष्ठी में प्रो. रामकिशोर त्रिपाठी, प्रो. रामपूजन पांडेय, प्रा.े हरिशंकर पांडेय, प्रो. हरिप्रसाद अधिकारी, प्रो. रमेश प्रसाद, प्रो. जितेन्द्र कुमार, प्रो. हीरककान्ति चक्रवर्ती, प्रो. शैलेश कुमार मिश्र, प्रो. विधु द्विवेदी, डॉ. पद्माकर मिश्र, डॉ. विजय पांडेय, डॉ. दिनेश गर्ग, डॉ. कमलेश झां, डॉ. सत्येंद्र कुमार यादव, राकेश शर्मा, डॉ. सन्तोष, डॉ. विजय आदि रहे।

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