कलयुग में श्रीकृष्ण की भक्ति सभी कष्टों से मुक्ति और मनचाहा वर दिलाने वाली मानी गई है। भगवान श्री कृष्ण की साधना और आराधना के लिए भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी अत्यंत ही शुभ मानी गई है क्योंकि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण का पृथ्वी पर जन्म हुआ था। यही कारण है कि हर कोई व्यक्ति उनकी पूजा, जप और कीर्तन आदि करके उनका आशीर्वाद पाने का प्रयास करता है। यदि आप भी किसी कामना विशेष को लेकर इस साल जन्माष्टमी का व्रत रखने जा रहे हैं तो आपको उसे पूरा करने के लिए नीचे बताए गए उपाय को जरूर करना चाहिए-
यदि आपको लगता है कि बहुत प्रयास करने के बाद भी आपके जीवन में प्रगति नहीं हो रही है और उसमें कोई न कोई बाधा आ रही है या फिर आपके घर में हमेशा कलह बन रहती है तो उसे दूर करने के लिए इस जन्माष्टमी पर कान्हा की पूजा में चांदी की बांसुरी बनाकर जरूर चढ़वाएं।
यदि विवाह के लंबे समय बाद भी आपकी सूनी गोद नहीं भर पाई है तो आपको मनचाही संतान पाने के लिए जन्माष्टमी पर भगवान श्री कृष्ण की पूजा में संतान गोपाल मंत्र का अधिक से अधिक जाप अवश्य करना चाहिए। मान्यता है कि इस उपाय को सच्चे मन और श्रद्धा के साथ करना चाहिए।
यदि आपके जीवन से जुड़ी की बाधा या फिर कोई शत्रु आपकी परेशानी का बड़ा कारण बन रहा है तो आप उससे बचने के लिए इस साल जन्माष्टमी के पर्व पर ”क्लीं कृष्णाय वासुदेवाय हरि:परमात्मने प्रणत:क्लेशनाशाय गोविंदय नमो नम:” का जप अधिक से अधिक करें।
यदि आप चाहते हैं कि आपके द्वारा की गई भगवान श्री कृष्ण की साधना सफल हो तो आप उनकी पूजा में जपे जाने वाले किसी भी मंत्र का जाप तुलसी, पीले चंदन अथवा वैजयंती की माला से जपें।
यदि आप आर्थिक परेशानियों से घिरे हुए हैं तो इस साल जन्माष्टमी पर कान्हा का केसर मिश्रित दूध से अभिषेक करें। मान्यता है कि इस उपाय को करने पर धन की देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
जन्माष्टमी के पावन पर्व पर भगवान श्री कृष्ण के साथ धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए इस दिन केले का पौधा लगाएं और उसकी प्रतिदिन पूजा एवं सेवा करें।
किसी भी देवी या देवता की पूजा में प्रसाद का बहुत महत्व होता है। ऐसे में जन्माष्टमी के पावन पर्व पर भगवान श्री कृष्ण से मनचाहा वरदान पाने के लिए लड्डू गोपाल की पूजा में उनका मनपसंद भोग यानि माखन-मिश्री जरूर चढ़ाएं।
हिंदू धर्म में भगवान श्री कृष्ण को पीतांबरधारी भी कहा गया है, जिसका अर्थ पीले रंग के कपड़े पहनने वाला होता है, ऐसे में जन्माष्टमी की पूजा का पूर्ण फल पाने के लिए इस दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करें और कान्हा को पीले फल, पीले फूल, पीली मिठाई चढ़ाएं।