वाराणसी। बनारस में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद पर्यटन से लगायत विभिन्न व्यवसायिक क्षेत्रों में जबर्दस्त उछाल आया है। आज हालत यह है कि पहले विशेष अवसरों पर जितने पर्यटक काशी आते थे उतने आम दिनों में आने लगे हैं। इसकी एक बानगी यह है कि पिछले महज डेढ़ माह में करीब डेढ़ करोड़ पर्यटक काशी आ चुके हैं। इनमें से एक करोड़ पर्यटक सिर्फ काशी विश्वनाथ धाम आए।
यह कहना है वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल का। उन्होंने कहाकि अगर डेटा की बात करे तो पर्यटन विभाग के अनुसार 2017 जनवरी तक 36 लाख पर्यटक वाराणासी पहुंचे । वही 2018 में 48 लाख पर्यटकों की संख्या रही 2019 में 64 लाख पर्यटक आए। कोरोना काल 2020-21 में यह संख्या शून्य पर आ गयी। वहीं 2022 जनवरी मे पर्यटकों के वाराणसी आगमन का रिकॉर्ड टूटा। 2022 जुलाई तक के डेटा के अनुसार भारतीय पर्यटकों की संख्या 1.50 करोड़ रही। कहीं न कहीं काशी विश्वनाथ कॉरिडोर निर्माण इस रिकॉर्ड तोड़ संख्या की वजह बनी। यह हमारा अपडेट डाटा है। उन्होंने कहाकि श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद पर्यटन, होटल, ट्रांसपोर्ट व्यवसाय में काफी उछाल आया है। देश, दुनिया से लोग काशी विश्वनााथ धाम आना चाहते हैं। पर्यटन की दृष्टि से वाराणसी में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर काम हो रहा है। यह जल्द पूरा हो जाएगा। इसके अलावा सारनाथ को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की बड़ी परियोजना चल रही है। विश्व के कई देश भगवान बुद्ध की तपोभूमि के दर्शन करने आते है। इसका विकास हो जाने के बाद अभी काशी का पर्यटन से लगायत अन्य व्यवसाय काफी बढ़ जाएंगे। कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने कहाकि आनेवाले समय में काशी का पूरा क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्वूपर्ण होनेवाला है। यहां आनेवाले पर्यटक काशी विश्वनाथ धाम और यहां के महत्वपूर्ण मंदिर, पर्यटन स्थल के अलावा विंध्याचल और प्रयागराज भी जा रहे हैं। काशी में रोजगार के अवसर काफी बढ़ेंगे।
उन्होंने बताया कि सावन काशी के लिए महत्वपूर्ण होता है लेकिन हमलोगों को उम्मीद नही थी कि इतनी बढ़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे। तीन करोड़ श्रद्धालुओं को सावन माह में दर्शन कराया। पुराना फिगर चार-पांच लाख का रहा। आज दर्शन करनेवालों का हमारे पास पूरा डाटा रहता है। हमे यह यह पता होता है कि कितने लोग आए और कितने निकले। सावन के चार सोमवार, शिवरा़ित्र, नागपंचमी, पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु आए। पहले गोदौलिया तक लम्बी लम्बी लाइनें रहती थी। श्रद्धालुओं की रात-रात भर लाईनें लगती थी। लेकिन अनुमान से इतर इस बार सैलाब आया। विश्वनाथ धाम में पहले सावन के सोमवार को जो भीड़ होती थी वह अब नार्मल दिनों में हो गई। बेहतर सुरक्षा और दर्शन कराने की व्यवस्था लोगों में सकारात्मक संदेश गया है। होटलवालों के पास पहले कमरे थे लेकिन उतने पर्यटक नही थे। अब बड़े, मध्यम और छोटे होटलों के कमरे खाली नही मिल रहे है। इस समय नान पिक का सीजन है, फिर भी भीड़ ज्यादा रही। जाड़े में पर्यटन का पिक आवर होता है तब हम टेंट सिटी बसाया जाएगा। कुछ होटलवालों ने भी इसमें रूचित दिखाई है। 500 टेंट जाड़े में लगाएंगे। कुछ होटलवालों ने अपनी रूचि दिखाई है।
बूम पर है होटल व्यवसाय
होटल एसोसिएशन के सदस्य उत्कर्ष बख्शी ने बताया कि दो साल पहले होटलों की स्थिति अच्छी नही थी। अब उसके बुकिंग और रेट में उछाल आया है। आनलाइन बुकिंग से होटल इंडस्टीज बूम पर है। कोरोना काल में टूरिज्म की मनोदशा अच्छी नही थी। इससे पहले विदेशी टूरिस्टों का ग्राफ होता था। अब 85 प्रतिशत देशी टूरिज्म बढ़ गया है। मंदिरों का जिर्णोद्धार हुआ। हर तरफ रिंग रोड बना। अयोध्या में निर्माण हो रहा है। डोमेस्टिक टूरिस्ट बढ़ने से उछाल आया। होटल व्यवसाय बूम पर है।
कारीडोर बनने के बाद दिखा नया डवलपमेंट
पर्यटन विभाग की उप निदेशक प्रीति श्रीवास्तव ने कहाकि अगर 2022 देखा जाए तो इस स्थिति एकदम बूम पर है। पिछले आंकड़ों को यह आंकड़ा पछाड़ चुका है। कोरोना काल में सबकुछ बंद था। वह एक नया एक्सपीरियंस था। जब से विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का उद्घाटन हुआ तब से इस क्षेत्र में हमने बहुत बड़ा डवलपमेंट देखा है। अगर इस वक्त की बात करें तो होटल से लेकर छोटे से छोटा गेस्ट हाउस सब टोटली बुक हैं।
अब हर पर्यटक में है काशी विश्वनाथ धाम देखने की चाह
टूरिज्म वेलफेयर एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट अभिषेक सिंह ने बताया कि 2022 के पहले टूरिज्म की मनोदशा अच्छी नहीं थी यहां विदेशी पर्यटकों का ज्यादा फ्लो होता था अब देसी पर्यटकों के कारण टूरिज्म बढ़ा है। कहीं न कहीं काशी विश्वनाथ कॉरिडोर अपने आप में एक बड़ा उदाहरण है। हर पर्यटक काशी विश्वनाथ कॉरिडोर देखने की उम्मीद रख रहे हैं। आज से 2 साल पहले होटल के रेट कम थे। तब उतनी बुकिंग नहीं होती थी। अब स्थिति यह है की बुकिंग और होटल के रेट में उछाल आ गया है। कहीं ना कहीं यह पर्यटकों की वजह से ही हुआ है।