वाराणसी। 'जब उनकी शैली वहां की है तो छोड़ते क्यों नहीं जाते। राजनैतिक लोलुपता बड़ी गंभीर बीमारी है। हर राजनीतिक दल में ये बीमारी है। तो अंतर्मंथन तो हम करेंगे, मगर सवाल भी पूछेंगे कि क्या लड़ाई लड़ने के लिए वे लोग तैयार थे। और लड़ नहीं सकते तो जैसे मेरा नेता राहुल गांधी जी कहते हैं कि स्वागत है यदि आप चले जाएं।'' उक्त बातें वाराणसी पहुंची कांग्रेस की राष्ट्री प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही। वो यहां कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के सम्बन्ध में प्रेस कांफ्रेस कर रहीं थीं।
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि हमारे यहां 9 हजार कार्यकर्ता अध्यक्ष चुनते हैं और सबकी पसंद राहुल गाँधी है। उन्होंने कहा कि वो बाबा विश्वनाथ से दर्शन कर प्रार्थना करेंगे कि राहुल मान जाएँ।
मीडिया से बात करते हुए सुप्रिया श्रीनाते ने भारतीय जनता पार्टी को लाेकतंत्र के लिए खतरा बताया है। कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव में किस मुद्दे पर चुनाव लड़ना है अब बात इस पर होनी चाहिए।गुलाम नबी आजाद समेत कई कांग्रेसी नेताओं के पार्टी छोड़कर जाने के सवाल पर सुप्रिया ने कहा, ''छोड़कर जाने वालों पर अंतर्मंथन किया जाएगा। मगर, जो लोग पार्टी में हैं, वहां की भाषा बोलते हैं और छोड़कर नहीं जाते। यह सवाल भी बार-बार उठता है कि वे लोग अभी तक पार्टी छोड़कर क्यों नहीं गए। जब वे काम वहां के कर रहे।''
वहीं नितीश कुमार के दिल्ली में कांग्रेस नेताओं से मुलाकात पर उन्होंने कहा कि बिहार में हमारा अलायंस है तो मुलाकात तो होगी ही। वहीं प्रधानमंत्री पद को लेकर सुप्रिया श्रीनाते ने कहा कि कांग्रेस की धुरी बिना बने कोई विपक्ष एकजुट नहीं हो सकता। यही पार्टी है जो कश्मीर से कन्याकुमारी और अहमदाबाद से अरुणाचल प्रदेश तक लोगों से जुड़ी हुई है। हमारे 9 हजार प्रतिनिधि चुनकर आते हैं।
बीजेपी पर निशाना साधते हुए सुप्रिया श्रीनाते ने कहा कि चाहे एमपी, कनार्टक, महराष्ट्र या गोवा हो, जहां पर बीजेपी मत से नहीं चुनी जाती, वहां पर पीछे के डोर से एंट्री करती है। वह डोर दो चीजें खोलती हैं। बेशर्मी से कमाया अथाह पैसा और जांच एजेंसियाें का दुरुपयोग। ये लोकतंत्र के लिए ये खतरा नहीं है तो फिर असल खतरा क्या है। इसी के खिलाफ कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा जरूरी है।
सुप्रिया ने मीडिया से बातचीत में कहा सवाल होना चाहिए कि 2024 का मुद्दा क्या है, जैसे राहुल गांधी ने कल हल्ला बोल रैली में कहा मुद्दा महंगाई, बेराेजगारी, गरीबी भुखमरी है। उनका मुद्दा धार्मिक उन्माद फैलाना है। भाई को भाई से लड़ना है। मुद्दा जाति के नाम पर राजनीति करना है। वेशभूषा, भाषा और राज्य के नाम पर देश को खंडित करना है। मुद्दा चुनी हुई सरकार को पैसे और एजेंसी के बल पर गिराना है। यदि इनसे देश को नुकसान पहुंच रहा है तो इन मुद्दों को देश से खत्म करना है। हम सत्ता की ट्रॉफी नहीं चाटेंगे। पिछले 8 साल में मोदी सरकार की कुरीतियों की जिसने खिलाफत नहीं की है उनकी विवेचना की जा रही है। मुद्दा आटा 22 से 40 कैसे पहुंचा। चौके के चूल्हे में आग क्यों लगी है, इस पर बात करनी है।