एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनावों में राष्‍ट्रीय स्‍तर पर चुनाव पूर्व विपक्षी गठबंधन की संभावना नहीं है, लेकिन वह कोशिश करेंगे कि सत्‍ताधारी एनडीए को हराने के लिए सभी विपक्षी पार्टियों को एक प्‍लेटफोर्म पर लाया जाए।
उन्‍होंने कहा कि अगर लोकसभा चुनावों में मोदी सरकार को पर्याप्‍त सीटें नहीं आती हैं तो जिस विपक्षी पार्टी के पास ज्‍यादा सीटें आएंगी, वह प्रधानमंत्री पद के लिए दावा कर सकेगा। उन्‍होंने कहा कि मुझे देश में एक समान राष्ट्रीय गठबंधन की संभावना नहीं दिख रही है क्योंकि जमीनी धरातल पर हर राज्य की राजनीतिक स्थिति अलग है। मैं विभिन्‍न पार्टियों को एक प्‍लेटफार्म पर लाने के लिए बातचीत कर रहा हूं।
पूर्व रक्षा मंत्री और महाराष्‍ट्र के दिग्‍गज नेता शरद पवार ने कहा कि देश की मौजूदा स्थितियां 2004 जैसी दिख रही हैं। मेरा मानना है कि दिल्ली और महाराष्ट्र सरकार में बदलाव आएगा। कोई भी अकेली पार्टी विकल्प प्रदान नहीं कर सकती है। मुझे नहीं लगता है कि लोकसभा चुनाव के बाद नरेंद्र मोदी फिर प्रधानमंत्री होंगे।
उन्‍होंने कहा कि कोई भी सोच नहीं सकता कि मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बनेंगे, लेकिन उन्‍होंने देश को 10 साल की स्‍थायी सरकार दी। एनसीपी प्रमुख ने कहा कि देश और भाजपा में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का कद पीएम नरेंद्र मोदी से काफी बड़ा था। फिर भी बदलाव आया है। राजनीति में कभी शून्‍यता की स्थिति नहीं रहती है। राजनीति में फिर विकल्प पैदा होगा।
उनसे पूछा गया कि अगर सत्‍ता बरकरार रखने के लिए महाराष्‍ट्र के रहने वाले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी प्रधानमंत्री पद के उम्‍मीदवार होते हैं तो क्‍या एनसीपी उनका समर्थन करेगी तो पवार ने कहा कि मैं भाजपा के किसी भी व्‍यक्ति का समर्थन नहीं करुंगा। उन्‍होंने कहा कि एचडी देवगौड़ा और आईके गुजराल जैसे नेता संयोगवश प्रधानमंत्री बने थे।