खास बातें
- हरियाणा के जींद और राजस्थान के रामगढ़ सीट पर हुए थे चुनाव
- जिस राज्य में जिसकी सरकार सत्ता में, उसी पार्टी को मिली जीत
- जींद में 51 साल बाद खिला कमल तो रामगढ़ में कांग्रेस पार्टी जीती
- भाजपा के कृष्ण मिड्ढा जीते, कांग्रेस के सूरजेवाला तीसरे नंबर पर रहे
आम चुनाव से ठीक पहले हरियाणा और राजस्थान में एक-एक विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा-कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों ने खूब जोर आजमाया, लेकिन भाजपा और कांग्रेस का स्कोर एक-एक से बराबरी पर रहा। हरियाणा के जींद में जहां भाजपा अपना कमल खिलाने में कामयाब रही, वहीं अलवर जिले के रामगढ़ विधानसभा सीट पर लोगों ने एक बार फिर कांग्रेस पर भरोसा जताया।
देखा जाए तो जिस राज्य में जिसकी सरकार है, वही पार्टी उपचुनाव में जीत दर्ज कर पाई। दोनों ही विधानसभा सीटों पर विधायक और एक प्रत्याशी के निधन के कारण उपचुनाव की स्थिति बनी थी। हरियाणा के जींद में इनेलो के विधायक हरि चंद मिड्ढा की मृत्यु हो गई थी, जबकि राजस्थान के रामगढ़ सीट पर बसपा प्रत्याशी की मौत हो गई थी।
आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए दोनों ही सीटों पर हुआ उपचुनाव पर पूरे देश के राजनीतिक खेमे की नजर थी। खासकर कांग्रेस और भाजपा ने तो जीत के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी। इन दोनों पार्टियों के लिए यह नाक का सवाल बना हुआ था। जींद में मिली शिकस्त के बाद सूरजेवाला को झटका लगा है।
जींद में खिला कमल, रामगढ़ में कांग्रेस जीती
पिछले 52 साल का सूखा खत्म करते हुए जींद में भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की और कृष्ण मिड्ढा ने 50,566 वोट हासिल कर जजपा के दिग्विजय सिंह चौटाला(37,631) को 12,935 वोटों से हराया। कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला 22, 740 वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहे।
इधर, राजस्थान के रामगढ़ में कांग्रेस प्रत्याशी शाफिया जुबैर ने भाजपा के सुखवंत सिंह को 12,228 मतों से शिकस्त दी। शाफिया को कुल 83,311 वोट मिले, जबकि सुखवंत सिंह को 71,083 वोट मिले। बसपा उम्मीदवार जगत सिंह 24,856 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे।
राजस्थान में कांग्रेस का शतक पूरा
राजस्थान के रामगढ़ में चुनाव में उतरे कुल 20 उम्मीदवारों में से पूर्व केंद्रीय मंत्री नटवर सिंह के पुत्र और बसपा उम्मीदवार जगत सिंह समेत 18 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। रामगढ़ सीट जीतने के बाद राज्य की 200 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस के पास अब 100 सीटें हैं।
वहीं, भाजपा के 73, बसपा के 6, रालोपा के 3, माकपा के 2, बीटीपी के दो और 13 निर्दलीय विधायक हैं। अलवर की पूर्व जिला प्रमुख 51 वर्षीय शफिया ने कहा कि यह चुनाव विकास पर आधारित था। लोग विकास चाहते हैं और वह जानते हैं कि कांग्रेस को वोट देकर ही क्षेत्र का विकास सुनिश्चित किया जा सकता है।
जींद में मिली जीत से भाजपा उत्साहित
जींद उपचुनाव में मिली जीत के बाद भाजपा काफी उत्साहित है। भाजपा के कृष्ण मिड्ढा, कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला और जजपा के दिग्विजय चौटाला के बीच कांटे की टक्कर रही। नतीजा सभी के सामने है, बीजेपी को भारी मतों से बड़ी जीत हासिल हुई। यहां 8 जनवरी को मतदान हुआ था। 21 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी।
इनेलो के विधायक हरि चंद मिड्ढा की मृत्यु के बाद इस सीट पर उपचुनाव कराने की जरूरत पड़ी। उनके पुत्र कृष्ण मिड्ढा हाल ही में भाजपा में शामिल हुए और उम्मीदवार बने। कांग्रेस ने अपने मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला को उम्मीदवार बनाया। इनेलो ने उमेद सिंह रेढू को अपना उम्मीदवार बनाया था, जबकि जजपा ने सांसद दुष्यंत चौटाला के भाई दिग्विजय चौटाला को अपना उम्मीदवार बनाया था।
कांग्रेस पर लोगों के विश्वास की जीत: सचिन पायलट
रामगढ़ सीट पर मिली जीत के बाद राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि यह कांग्रेस में लोगों के विश्वास की जीत है। पायलट ने कहा कि राजस्थान की जनता ने एक बार फिर से कांग्रेस पर विश्वास जताया है।
सरकार गठन के बाद यह पहला चुनाव था। परिणाम से स्पष्ट है कि भाजपा ने अपना जनाधार खो दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने चुनावों में समुदायों, धर्मों और मतों का ध्रुवीकरण करने की कोशिश की लेकिन वह विफल रही।