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मंगलवार, 15 जनवरी 2019

गुजरात के CM रहते हुए PM Modi ने गरीबों के लिए Reservation पर जताई थी चिंता

गुजरात के CM रहते हुए PM Modi ने गरीबों के लिए Reservation पर जताई थी चिंता


नरेंद्र मोदी
नरेंद्र मोदी
गुजरात रविवार से देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने गरीबों के लिए 10 फीसदी आरक्षण को लागू कर दिया है। यह आरक्षण सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों (ईबीसी) को शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में दिया जाएगा लेकिन सरकार की एक रिपोर्ट का कहना है कि 2009 में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने 50 प्रतिशत की सीमा से बढ़कर आरक्षण देने को लेकर चिंता जाहिर की थी। 

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार मोदी ने कहा था कि आज पिछड़े वर्ग में शामिल होने की एक दौड़ शुरू हो गई है जो सही नहीं है।  यूपीए सरकार द्वारा बनाई गई सिन्हो कमिटी पैनल के सामने उस समय गुजरात के सीएम रहते हुए मोदी ने ये रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसे सामान्य वर्ग को आरक्षण देने पर विचार करने के लिए बनाया गया था।

पैनल की रिपोर्ट में वर्तमान प्रधानमंत्री और गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर लिखा है कि उन्होंने ईबीसी की पहचान करने के लिए दूसरे मापदंडों को बनाए जाने का सुझाव दिया था। जनवरी 19 और 26 को पैनल को दिए अपने जवाब में उन्होंने कहा था कि ऐसे मापदंडों को बनाना चाहिए और खुले मंच पर इसकी चर्चा की जानी चाहिए जिसमें राज्य सरकार भी शामिल हो। उन्होंने कहा था कि यह पता होना चाहिए कि कितनी जनसंख्या आरक्षण के अंतर्गत आती है और फिर एक रणनीति बनाकर उनकी मदद करनी चाहिए।

2009 में उन्होंने जोर देकर कहा था कि सभी राज्यों की आवश्यकता को एक ही मापदंड में आंका नहीं जा सकता और जमीनी हकीकत को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। गुजरात सरकार ने कहा था कि यदि ईबीसी के लिए उच्च मानदंड रखे जाते हैं तो यह बीपीएल परिवारों के साथ अन्याय होगा क्योंकि वह संख्या में बहुत ज्यादा है। उस समय देश की एक तिहाई जनसंख्या इस दायरे में आती थी। राज्य में उस दौरान सामान्य वर्ग की जनसंख्या 5.7 प्रतिशत थी।

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