अयोध्या विवाद पर फिर मिली नई तारीख, मिनटभर के अंदर सुप्रीम कोर्ट ने टाली सुनवाई Get Date for Ayodha Problem

10 जनवरी को यह मामला एक बार फिर दो जजो की बेंच के पास जाएगा। जो इसे तीन जजों की बेंच को हस्तांतरित कर देंगे। फिलहाल तीन जजों की बेंच का गठन होना बाकी है। 10 तारीख को ही फैसला होगा कि वह तीन जज कौन होंगे जो इसकी सुनवाई करेंगे। इसी दिन यह फैसला होगा कि मामले पर नियमित सुनवाई होगी या नहीं।
वहीं अदालत ने आज राम मंदिर को लेकर दायर की गई एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया। याचिका को वकील हरीनाथ राम ने नवंबर 2018 को दायर किया था। जिसमें उन्होंने इस मामले की सुनवाई को तुरंत और नियमित तौर पर करने के लिए कहा था।
इससे पहले अदालत ने पिछले साल 29 अक्टूबर को कहा था कि यह मामला जनवरी के प्रथम सप्ताह में उचित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध होगा जो इसकी सुनवाई का कार्यक्रम निर्धारित करेगी। बाद में अखिल भारत हिन्दू महासभा ने एक अर्जी दायर कर सुनवाई की तारीख पहले करने का अनुरोध किया था परंतु न्यायालय ने ऐसा करने से इंकार कर दिया था। न्यायालय ने कहा था कि 29 अक्टूबर को ही इस मामले की सुनवाई के बारे में आदेश पारित किया जा चुका है। हिन्दू महासभा इस मामले में मूल वादकारियों में से एक एम सिद्दीक के वारिसों द्वारा दायर अपील में एक प्रतिवादी है।
बता दें कि 27 सितंबर, 2018 को तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने 2:1 के बहुमत से 1994 के एक फैसले में की गयी टिप्पणी पांच न्यायाधीशों की पीठ के पास नये सिरे से विचार के लिये भेजने से इंकार कर दिया था। इस फैसले में टिप्पणी की गयी थी कि मस्जिद इस्लाम का अभिन्न अंग नहीं है। अयोध्या प्रकरण की सुनवाई के दौरान एक अपीलकर्ता के वकील ने 1994 के फैसले में की गयी इस टिप्पणी के मुद्दे को उठाया था।