Lok Sabha चुनाव की तैयारी में जुटा चुनाव(Election) आयोग(Commission), गृह जिलों में तैनात अधिकारियों के तबादले के दिए आदेश
भारत निर्वाचन आयोग
चुनाव आयोग ने आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियां तेज कर दी हैं। आयोग ने सभी राज्य सरकारों को अपने गृह जिलों में तैनात और पिछले चार साल में एक ही जिले में तीन साल से तैनात अधिकारियों के तबादले का निर्देश दिया है। मार्च के पहले हफ्ते में आयोग लोकसभा के साथ ही कुछ राज्यों के विधानसभा चुनाव का एलान कर सकता है।
आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और मुख्य चुनाव अधिकारियों को इस संदर्भ में 16 जनवरी को पत्र लिखा है। इसमें लोकसभा के साथ ही आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम विधानसभा चुनाव कराने के संकेत दिए हैं। 16वीं लोकसभा का कार्यकाल 3 जून को खत्म हो रहा है जबकि आंध्र, अरुणाचल, ओडिशा और सिक्किम विधानसभा का कार्यकाल क्रमश: 18 जून, 1 जून, 11 जून और 27 मई को पूरा हो रहा है।
अधिकारियों के तबादले संबंधी निर्देश जारी करना सामान्य है। चुनाव आयोग लोकसभा या विधानसभा चुनावों से ठीक पहले ऐसे निर्देश जारी करता रहता है ताकि चुनावी प्रक्रिया में किसी तरह की दखलंदाजी नहीं हो सके और चुनाव पूरी तरह से निष्पक्ष और स्वतंत्र ढंग से कराए जा सकें।
बड़े पैमाने पर होगी कर्मचारियों की तैनाती
आयोग ने साफ किया है कि यद्यपि चुनावी कार्य के लिए बड़ी संख्या में कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी लेकिन वह राज्य मशीनरी को बड़े पैमाने पर इधर से उधर नहीं करना चाहता है। इसमें कहा गया है कि जो लोग सीधे तौर पर चुनाव से जुड़े नहीं है, तबादला निर्देश उन पर लागू नहीं होंगे।
अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना कर रहे अधिकारियों को जिम्मेदारी नहीं
आयोग ने पत्र में स्पष्ट कहा है कि पिछले किसी भी चुनाव के दौरान जिन अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश उसने की थी, उन्हें चुनाव संबंधी कोई भी जिम्मेदारी नहीं सौंपी जानी चाहिए। इसी तरह से जिनके खिलाफ अदालतों में आपराधिक मामले लंबित हैं, उन्हें भी चुनाव कार्यों से बाहर रखा जाए।
इन राज्यों में भी कराए जा सकते हैं चुनाव
लोकसभा चुनाव के साथ ही महाराष्ट्र, झारखंड, हरियाणा, तमिलनाडु और जम्मू-कश्मीर में भी विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं। इन राज्यों में इसी साल अक्तूबर-नवंबर में चुनाव कराए जाएंगे।
कब-कब घोषित हुए चुनाव
पिछली बार 2014 लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान 5 मार्च को किया गया था। उस वक्त पूरे देश में नौ चरणों में मतदान कराया गया था। इससे पहले 2009 में 2 मार्च को घोषणा की गई और पांच चरण में चुनाव हुए थे। इसी तरह से 2004 में 29 फरवरी को चुनाव कार्यक्रम का एलान हुआ और चुनाव चार चरण में हुए थे।