परिवार पर Rajneetik हमले बढ़ने के बाद सक्रिय राजनीति में आने को तैयार हुईं Priyanka Gandhi
प्रियंका गांधी - फोटो : पीटीआई
आखिर प्रियंका गांधी वाड्रा को सक्रिय राजनीति में लाने का सालों से अटका फैसला अचानक कैसे हुआ। ये सवाल हर उस कांग्रेस के कार्यकर्ता के मन भी कौंध रहा है जो सालों से ये मांग उठाते रहे हैं। पार्टी के अहम फैसलों में पर्दे के पीछे रहने वाली प्रियंका का मंच पर आकर भूमिका निभाने को फैसला खुद उनका ही है जिसके लिए वे लगातार इंकार कर रही हैं। दरअसल परिवार पर लगातार हो रहे राजनीतिक हमलों के बाद प्रियंका सीधी भूमिका निभाने और राजनीतिक खेल में खिलाड़ी बनने को तैयार हुईं।
प्रियंका को राजनीति में लाने की मांग वाले होर्डिंग्स उनके समर्थक यूपी के विभिन्न शहरों में लगाते रहे हैं। पार्टी में पद की राजनीति पर हर बार प्रियंका कन्नी काटती रहीं। राहुल को उपाध्यक्ष बनाए जाने के समय भी पार्टी प्रियंका को लाना चाहती थी। प्रियंका के जानकारों ने जब भी उनके पार्टी में शामिल होने पर सवाल पूछा उन्होंने अपने परिवार और बच्चों को संभालने की बात कही।
भाई राहुल व मां सोनिया को थी प्रियंका के राजनीति में आने के फैसले की जानकारी
मां सोनिया गांधी और भाई राहुल पर जब भी राजनीतिक हमला और पार्टी का प्रदर्शन खराब हुआ प्रियंका उनके साथ साए की तरह खड़ी दिखीं। पति रॉबर्ट वाड्रा पर कानूनी शिकंजा और सीधे राजनीतिक हमलों के बाद प्रियंका ने ये लड़ाई खुद लडने का फैसला लिया। तीन राज्यों में पार्टी के बेहतर प्रदर्शन के बाद प्रियंका का असमंजस दूर हो गया। विदेश जाने से पहले पार्टी अध्यक्ष भाई को अपने फैसले की जानकारी देकर गईं। सक्रिय राजनीति में आने की जानकारी सिर्फ राहुल गांधी और मां सोनिया गांधी को थी।
यूपी को लेकर धमाका करुंगा ये बात पिछले सप्ताह राहुल गांधी ने पार्टी के कुछ खास नेताओं से कही थी। ये खबर कांग्रेस मुख्यालय में घूम भी रही थी लेकिन ये माना जा रहा था कि प्रदेश अध्यक्ष या प्रभारी का बदलाव होना है। दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं की सालों पुरानी मांग मानकर एक साथ कई मैसेज दिए हैं।
प्रियंका को सामने कर कांग्रेस महिला सशक्तिकरण के माध्यम से आधी आबादी के सरोकारों और उनकी समस्याओं को उठाकर अपनी राजनीतिक जमीन तैयार करेगी। वहीं युवा चेहरे के तौर पर प्रियंका के आने से महिला कांग्रेस, यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई की सक्रियता युवाओं बढ़ेगी।