Sheela Dixit ने संभाली Delhi की जिम्मेदारी, नए-पुराने के साथ Congress में फूंकेगी जान
शीला दीक्षित
दिल्ली में 15 साल तक कांग्रेस पार्टी की मुख्यमंत्री रहीं 80 साल की शीला दीक्षित ने प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल ली है। शीला के कार्यभार ग्रहण के दिन ही कांग्रेस में नए-पुराने की ऊर्जा साफ दिखाई देने लगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को भरोसा है कि दिल्लीवासी उनके विकास के कामकाज को नहीं भूले हैं। इसका उन्हें और उनकी टीम को भरपूर फायदा मिला है। बड़ी से बड़ी बात को पूरी मासूमियत, विनम्रता, सरलता के साथ कह जाने वाली शीला की तैयारी कांग्रेस में नए और पुराने साथियों के साथ जान फूंकने की है। शीला के कार्यभार संभालते ही इसका असर भी दिखाई दिया।
कार्यभार ग्रहण समारोह में पार्टी के मीडिया विभाग के पूर्व प्रमुख जनार्दन द्विवेदी, कर्ण सिंह, पीसी चाको, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, जगदीश टाइटलर जैसे पुराने कांग्रेसी नेता पहुंचे। जनार्दन द्विवेदी और दिल्ली के पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन के बीच में छत्तीस का आंकड़ा है। शीला के कार्यभार संभालने पर उनके समय के और अजय माकन से नाराज नेताओं में भारी उत्साह देखने को मिला।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के एक नेता का कहना है कि जब से शीला ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के काम काज से दूरी बनाई, यहां संगठन लगतार कमजोर होता चला गया था। अब इसमें धार आने की पूरी संभावना है। माना जा रहा है कि कार्यभार संभालने के बाद जल्द ही शीला दीक्षित अपनी टीम गठित करेंगी और इसके बाद निचले स्तर तक कांग्रेस के संगठन को खड़ा करने की पहल करेंगी।
शीला दीक्षित की टीम में दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री डॉ. अशोक वालिया, किरण वालिया, अरविंदर सिंह लवली समेत तमाम नेताओं का कद बढ़ सकता है। हारुन यूसुफ की सक्रियता बढ़ सकती है और दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष अमित मलिक को जिम्मेदारी मिल सकती है। लवली और मलिक कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा में चले गए थे। नौ महीने भाजपा में रहने के बाद दोनों नेता फरवरी 2018 में कांग्रेस में लौट आए हैं।