विपक्षी एकता को फिर लगा झटका, ममता की रैली में शामिल नहीं होंगे Soniya और Rahul

सूत्रों के मुताबिक सोनिया और राहुल गांधी ने रैली में शामिल न होने का फैसला इसलिए लिया है क्योंकि पश्चिम बंगाल कांग्रेस यूनिट बनर्जी के साथ वरिष्ठ नेताओं के मंच साझा करने के पक्ष में नहीं है। बताया जा रहा है कि राज्य की कांग्रेस यूनिट का कहना है कि वह आने वाले लोकसभा चुनावों को अकेला लड़ने के लिए तैयार हैं और उन्होंने ही राहुल गांधी को रैली में शामिल न होने का सुझाव दिया है। राहुल गांधी के रैली में शामिल न होने से फिर ये सवाल गहराएगा कि महागठबंधन का प्रधानमंत्री कौन बनेगा?
इससे पहले ममता बनर्जी कह चुकी हैं कि महागठबंधन के प्रधानमंत्री पर चर्चा 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों के बाद ही हो सकती है। राज्य सचिवालय में बातचीत के दौरान ममता ने कहा था, "लोकसभा चुनाव 2019 के बाद ही इसपर चर्चा हो सकती है। एक बार जब विपक्षी गठबंधन जीत जाएगा तो सभी पार्टियां इस मामले पर फैसला लेंगी।"
ममता का ये बयान डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन के बयान के बाद आया था। एमके स्टालिन ने राहुल गांधी का नाम 2019 के चुनावों में पीएम पद के लिए प्रस्तावित किया था। चेन्नई में विपक्ष के कार्यक्रम में स्टालिन ने कहा था, "राहुल गांधी के अंदर फासीवादी मोदी सरकार को हराने की क्षमता है। हम सभी को उनका साथ देना चाहिए और देश को बचाने में उनकी मदद करनी चाहिए।"