UPA कार्यकाल में 'Mango People' लिखकर चर्चा में आए थे Wadra, विवादों से पुराना नाता
रॉबर्ट वाड्रा
खास बातें
- पहले भी कई बार विवादों में रहे हैं वाड्रा।
- खूब आलोचना हुई थी 'मैंगो पीपल' वाली पोस्ट की।
- राष्ट्रीय चर्चा का मुद्दा बने वाड्रा।
- प्रियंका की जरूरत नहीं वाला बयान भी खूब चर्चा में रहा।
कांग्रेस पार्टी की महासचिव और पूर्वी उत्तरप्रदेश की पार्टी प्रभारी प्रियंका गांधी के पति राबर्ट वाड्रा से मनी लॉन्डरिंग मामले में गुरुवार को भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूछताछ की। इससे पहले बुधवार को भी उनसे छह घंटे तक पूछताछ की गई थी। इस ममाले पर जहां भाजपा भरपूर वार कर रही है वहीं कांग्रेस भी पलटवार का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। ईडी ने लंदन के ब्रायंस्टन स्क्वायर में 19 लाख पाउंड की संपत्ति खरीदने को लेकर वाड्रा के खिलाफ मनी लांड्रिंग के तहत मामला दर्ज किया है। वकील का कहना था कि राजनीतिक शत्रुता के चलते वाड्रा को फंसाया गया है।
आज वाड्रा राष्ट्रीय चर्चा का मुद्दा बन चुके हैं। हर जगह केवल इन्हीं की चर्चे है। लेकिन क्या ऐसा पहली बार हो रहा है। जी नहीं... वह पहले भी ऐसे ही राष्ट्रीय चर्चा का मुद्दा बन चुके हैं। अगर कहें कि वाड्रा और विवादों का चोली दामन का साथ है तो कुछ गलत नहीं होगा।
पहली बार कब आए खबरों में
वाड्रा पहली बार खबरों में तब आए जब उन्होंने 1997 में प्रियंका गांधी से शादी की। खबर सामने आई तो बहुत से लोग प्रियंका कि पसंद को लेकर अचंभित थे। वाड्रा मुरादाबाद के एक पीतल व्यापारी के बेटे थे। ब्रितानी स्कूल से ए-लेवल पास करने बाद वाड्रा कॉलेज तक नहीं गए और उनके कुछ नजदीकी रिश्तेदारों का राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ या आरएसएस से नजदीकी रिश्ता था, जिसे उन लोगों की तरफ से जमीन और संपत्ति तक दान में मिली थी।
वाड्रा-डीएलएफ विवाद
बात अक्तूबर 2012 की है, तब आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाए कि रॉबर्ट वाड्रा ने दिल्ली और आसपास में कई जमीन-जायदाद खरीदी है। जिसके लिए रियल इस्टेट कंपनी डीएलएफ की ओर से धन से आया है। जिसने रॉबर्ट वाड्रा को 'गैर जमानती ब्याज मुक्त कर्ज' दिए। वाड्रा और डीएलएफ दोनों ने आरोपों से इनकार किया। मामले की जांच जारी है। आरोप लगाए गए कि वाड्रा ने इसके लिए गांधी परिवार के नाम का गलत इस्तेमाल किया।
ये भी हैं विवाद

रॉबर्ट वाड्रा
अशोक खेमका विवाद
आईएएस अफसर अशोक खेमका को वाड्रा के जमीन विवाद मामले में व्हिसल-ब्लोअर माना जाता है और रिपोर्टों के मुताबिक सरकारों के फैसलों के खिलाफ आवाज उठाने के कारण 23 सालों में उनका 45 बार तबादला हो चुका है। अशोक खेमका का आरोप था कि कांग्रेस सरकार ने उन पर इसलिए निशाना साधा और परेशान किया क्योंकि उन्होंने रॉबर्ड वाड्रा और डीएलएफ के बीच समझौते को रद्द कर दिया था।
'मैंगो पीपल' विवाद
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार जब रॉबर्ट वाड्रा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर लिखा – 'मैंगो पीपल इन बनाना रिपब्लिक'। इसका मतलब निकाला गया कि वाड्रा ने भारत को बनाना रिपब्लिक और लोगों को 'मैंगो पीपल कहा है। उनकी टिप्पणी पर विवाद होने के बाद वाड्रा ने अपना फेसबुक अकाउंट बंद कर दिया था। इसे घोर आपत्तिजनक और देश विरोधी बताते हुए इंडिया अगेंस्ट करप्शन के सदस्यों ने मांग की कि वे इसके लिए तुरंत देश से माफी मांगें।
गुस्सा विवाद
साल 2014 में जब समाचार एजेंसी एएनआई के एक पत्रकार ने जमीन विवाद पर उनसे सवाल पूछा तो बेहद गुस्से में वाड्रा ने उनसे पूछा, 'क्या आप गंभीर हैं?' और फिर ये बात बार-बार दोहराई और फिर माइक को झटककर आगे बढ़ गए।
प्रियंका की जरूरत नहीं
अप्रेल 2016 में समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, "अपनी जिदगी सुधारने के लिए मुझे प्रियंका की जरूरत नहीं थी।" वाड्रा ने कहा, "मेरे पास काफी था, मेरे पिता ने मुझे बहुत कुछ दिया था। उन्होंने मुझे शिक्षा दी।"
सुरक्षा जांच को लेकर भी जु़ड़ा है एक विवाद

रॉबर्ट वाड्रा
चुनाव की ओर?
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक वर्ष 2009 लोकसभा चुनाव के दौरान मीडिया से बातचीत में रॉबर्ट वाड्रा ने कहा था कि उन पर उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से चुनाव लड़ने का बहुत दबाव था लेकिन उन्होंने चुनाव लड़ने से मना कर दिया। उन्होंने कहा, "लोग मांग कर रहे थे कि मैं (सुल्तानपुर से) चुनाव लड़ूं लेकिन मेरे मन में साफ था कि ये सही जगह नहीं है। मुझे मेरे परिवार की वजह से पहचाना जा रहा है।" इस बयान से इन अटकलों को बल मिला कि वो चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।
सुरक्षा जांच
घरेलू हवाईअड्डों पर जिन लोगों को सुरक्षा जांच से मुक्त रखा गया है, उस सूची में रॉबर्ड वाड्रा का भी नाम था। इसे लेकर कई दिनों तक काफी हंगामा भी मचा। सितंबर 2015 में खबर आई कि वाड्रा को उस सूची से हटा लिया गया है। लेकिन मई 2016 को टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबिक कुछ मामलों में अभी भी रॉबर्ड वाड्रा सुरक्षा जांच से मुक्त हैं।
फिलहाल जांच एजेंसी का कहना है कि आयकर विभाग फरार हथियार कारोबारी संजय भंडारी के खिलाफ काला धन कानून और कर कानून के तहत दर्ज मामलों की जांच के दौरान यह बात सामने आई थी कि उसके संबंध वाड्रा के करीबी मनोज अरोड़ा के साथ हैं।
जब अरोड़ा से पूछताछ हुई तो जांच एजेंसी को कई ऐसी बातें पता चलीं जिसका अप्रत्यक्ष जुड़ाव वाड्रा के साथ पाया गया। यह आरोप है कि भंडारी ने 19 लाख पाउंड में जो प्रोपर्टी खरीदी थी, उस पर 65900 पाउंड खर्च करने के बाद उसे उतनी ही रकम में वाड्रा काे बेच दिया गया। इससे साफ हो गया कि भंडारी इस संपत्ति का वास्तविक मालिक नहीं था। उसने वाड्रा को फायदा पहुंचाने के लिए यह सौदा किया था।