Bombey Highcourt का फैसला, मानसिक रूप से बिमार हत्या के दोषी को किया बरी

पवार को साल 2011 में गिरफ्तार किया गया था और उसे दो अन्य के साथ 2014 में हत्या का दोषी पाया गया था। दोनों आरोपियों ने उच्च न्यायालय में अपील की थी जिससे उनकी सजा चार साल तक कम हो गई। 2015 में अदालत को जेल अधिकारियों ने बताया कि पवार मानसिक बीमारी से पीड़ित है और उसका उसी जेल में इलाज चल रहा है।
पीठ ने कहा, 'इस तथ्य पर ध्यान देते हुए कि आरोपी की मानसिक स्थिति अपील दायर करने के लिए ठीक नहीं है। जेल अधिकारियों को यह निर्देश दिए जाते हैं कि उसका ठीक तरह से चिकित्सा उपचार किया जाना चाहिए और जब भी उसकी मानसिक स्थिति ठीक हो उसे अपील करने के लिए सूचित किया जाए।'
पवार ने आखिरकार 2017 में उच्च न्यायालय में अपील दायर की। पीठ ने सबूतों को देखते हुए कहा, 'घटना को बिना सोचे-समझे अंजाम दिया गया। पीड़ित को लात और मुट्ठी से मारा गया। मौखिक और चिकित्सीय साक्ष्य को देखते हुए यह नहीं कहा जा सकता कि हत्या करने का कोई इरादा था।'