Lok Sabha चुनाव 2019: चौथे चरण में BJP के दो तिहाई, Congress के आधे उम्मीदवार दागी - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

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गुरुवार, 25 अप्रैल 2019

Lok Sabha चुनाव 2019: चौथे चरण में BJP के दो तिहाई, Congress के आधे उम्मीदवार दागी

Lok Sabha चुनाव 2019: चौथे चरण में BJP के दो तिहाई, Congress के आधे उम्मीदवार दागी


चुनाव आयोग (फाइल फोटो)
चुनाव आयोग (फाइल फोटो)

खास बातें

  • चौथे चरण में 10 फीसदी हैं महिला प्रत्याशी, पहले तीन चरणों में यह क्रमशः 7, 8 और 9 फीसदी था। 
  • आधे प्रत्याशी स्नातक: 49 फीसदी प्रत्याशी स्नातक हैं और 44 फीसदी पांचवीं से 12वीं कक्षा तक पढ़े हैं।
चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बावजूद चुनावों में आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों की संख्या में कमी नहीं आई है। 29 अप्रैल को होने जा रहे चौथे चरण के चुनाव के लिए 71 सीटों पर हुए 928 नामांकनों में से 210 आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार हैं। इसमें भाजपा के 57 में से 45 यानी करीब दो तिहाई और कांग्रेस के 57 में से 27 उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि वाले हैं। शिवसेना और बसपा के 21-21 उम्मीदवार दागी हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने बुधवार को यह रिपोर्ट जारी की है।   23 फीसदी प्रत्याशियों यानी 210 ने अपने खिलाफ मामलों का विवरण हलफनामे में दिया है। इनमें 158 के खिलाफ गंभीर मामले चल रहे हैं। भाजपा के 45 और कांग्रेस के 27 उम्मीदवारों में से कुछ ने अति गंभीर मामलों का भी खुलासा किया है। 60 निर्दलीयों ने भी  आपराधिक मामलों और 45 निर्दलीयों ने अति गंभीर आपराधिक वादों का विवरण अपने हलफनामों में दिया है। इसमें 12 उम्मीदवारों पर तो अपराध साबित हो चुका है। 21 उम्मीदवारों के ऊपर महिलाओं से संबंधित अपराधों का आरोप है।  24 पर अपहरण, फिरौती समेत अन्य मामले, 5 पर हत्या का आरोप है। 14 प्रत्याशियों पर नफरत फैलाने के आरोप में मामले दर्ज हैं।

विज्ञापन पर चुप्पी 

इतनी बड़ी संख्या में आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों पर दलों ने चुप्पी साध ली है। आयोग की ढिलाई का आलम यह है कि तीन चरणों का मतदान हो चुका है लेकिन अब तक किसी भी उम्मीदवार के आपराधिक मुकदमों पर किसी पार्टी ने विज्ञापन नहीं निकाला। जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि दलों को आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों की जानकारी बाकायदा विज्ञापन निकाल कर देनी है। अब तक कहीं भी पार्टी की ओर से इस तरह का विज्ञापन नहीं निकाला गया है।   
 
सबसे अमीर नकुलनाथ: 660 करोड़ की संपत्ति है मप्र के सीएम कमलनाथ के पुत्र की

चौथे चरण में किस्मत आजमा रहे नौ राज्यों में के उम्मीदवारों में सबसे धनी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ हैं। छिंदवाड़ा से लड़ रहे नकुलनाथ की कुल संपत्ति 660 करोड़ रुपये है। नकुल के पास 618 करोड़ रुपये की चल और 41 करोड़ रुपये अचल संपत्ति है। 

झांसी के अनुराग शर्मा की संपत्ति 124 करोड़

124 करोड़ है संपत्ति झांसी से भाजपा प्रत्याशी अनुराग शर्मा की। चौथे दौर तक वह यूपी के सबसे अमीर उम्मीदवार हैं। नासिक में प्रियंका, थाणे में विट्ठल नाथ और राजस्थान में टोंक सवाई माधौपुर से प्रेमलता बंशीलाल ऐसे निर्दलीय हैं, जिन्होंने अपनी संपत्ति शून्य बताई है।

सबसे ज्यादा महिला उम्मीदवार 
  • चौथे चरण में 10 फीसदी हैं महिला प्रत्याशी, पहले तीन चरणों में यह क्रमशः 7, 8 और 9 फीसदी था। 
  • आधे प्रत्याशी स्नातक: 49 फीसदी प्रत्याशी स्नातक हैं और 44 फीसदी पांचवीं से 12वीं कक्षा तक पढ़े हैं।
  • 1365 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे गए मार्च में, अन्य राज्यों से खरीदे गए बॉन्ड भी राजधानी में ही भुनाए जा रहे।
 

77 फीसदी चुनावी बॉन्ड अकेले दिल्ली में भुनाए

राजनीतिक दलों को चुनावी बॉन्ड की जानकारी चुनाव आयोग को सीलबंद लिफाफे में देने की तारीख सुप्रीम कोर्ट ने 30 मई तय की है। इस बीच, सियासी दलों में चुनाव बॉन्ड भुनाने की होड़ मची है। ताजा हालात को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है चुनावी बॉन्ड के तहत भुनाई जा रही राशि कुछ राजनीतिक दलों में अनुपातहीन हो सकती है। एसबीआई के ताजा आंकड़े कुछ इसी ओर इशारा कर रहे हैं। 

मार्च में अकेले दिल्ली में ही 77 फीसदी से अधिक चुनावी बॉन्ड भुनाए गए हैं, जबकि अन्य राज्यों में बहुत कम। मार्च 2019 के पहले 15 दिनों के लिए देशभर की 29 एसबीआई शाखाओं में चुनावी बॉन्ड बिक्री के लिए जारी किए गए थे। एसबीआई से आरटीआई के जरिए प्राप्त आंकड़ों के अनुसार राज्यों की कुल 1142 शाखाओं में 2742 बॉन्ड खरीदे गए, जिनकी कीमत 1365.69 करोड़ रुपये है। अगर जनवरी 2019 के पिछले सात चरणों से तुलना की जाए तो मार्च की इस राशि को उससे बराबर या थोड़ा कम माना जा सकता है। जनवरी के उन सात चरणों में 1407.09 करोड़ रुपये कीमत के कुल 3071 बॉन्ड बिके थे। 

बॉन्ड के लिए शर्तें 

चुनावी बॉन्ड योजना 2 जनवरी 2018 को अधिसूचित की गई थी। इसके अनुसार कोई भी भारतीय नागरिक या भारत में स्थापित संस्था चुनावी बॉन्ड खरीद सकती है। पंजीकृत पार्टियां और पिछले आम चुनाव या विधानसभा चुनाव में कम से कम एक फीसदी वोट हासिल करने वाले दल ही चुनावी बॉन्ड के जरिए चंदा ले सकते हैं। पार्टियां इस  बॉन्ड को सिर्फ अधिकृत बैंक में भुना सकती हैं। बॉन्ड की वैधता उसके जारी होने के 15 दिन तक ही रहती है और इसे जारी करने और भुनाने के लिए एसबीआई को अधिकृत किया गया है।

मुंबई में खरीदे एक तिहाई, भुनाए 3.4%

मार्च 2019 में एक तिहाई से अधिक बॉन्ड मुंबई में खरीदे गए थे। इनमें से केवल 3.4 प्रतिशत मुंबई में भुनाए गए। वहीं  हैदराबाद में मार्च में लगभग 18.9% बॉन्ड खरीदे गए थे और 10.4 फीसदी भुनाए गए। दिल्ली में केवल 13.2 फीसदी बॉन्ड खरीदे गए जबकि यहां 77.4 फीसदी बॉन्ड भुनाए गए। यह आंकड़ा चौंकाने वला है। इससे यह अंदाजा भी सहज ही लगाया जा सकता है कि जो बॉन्ड दिल्ली में भुनाए गए, वे राष्ट्रीय दलों के ही होंगे। 

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