जेहादियों की पैठ: प्रशांत से अरब सागर तक वैश्विक आतंकवाद का नया नक्शा(MAP)
सांकेतिक तस्वीर
खास बातें
- - श्रीलंका हमले ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का नया चेहरा किया उजागर
- - थाईलैंड, फिलीपिन्स, मलेशिया, न्यूजीलैंड, श्रीलंका से होते हुए सोमालिया तक जेहादियों की गहरी पैठ
- - भारत इन देशों को लगातार करता रहा है आगाह, नेशनल तौहिद जमात के बारे में श्रीलंका को दी थी चेतावनी
- - श्रीलंका ने माना, यह आतंकी हमला न्यूजीलैंड में मसजिदों पर हुए हमले का है बदला
श्रीलंका आतंकी हमले ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का नया चेहरा उजागर किया है। अफगानिस्तान-पाकिस्तान केटेरर हब से संचालित विभिन्न जेहादी गुट प्रशांत महासागर से अरब सागर तक के देशों में गहरी पैठ बना चुकेहैं। ताईवान, फिलीपिन्स, मलेशिया, इंडोनेशिया, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, थाईलैंड,कंबोडिया, म्यांमार, श्रीलंका होते हुए सोमालिया तक इन जेहादी गुटों ने अपनी गतिविधियां बढा ली हैं। श्रीलंका हमले में रडार पर आए आतंकी संगठन नेशनल तौहिद जमात (एनटीजे) इन्हीं गुटों में एक है। इन देशों में सक्रिय यह संगठन आपसी तालमेल से काम कर रहे हैं। श्रीलंका के गृहराज्य मंत्री का मंगलवार को अपने संसद में दिया गया बयान इस बात की पुष्टि करता है। गृहराज्य मंत्री ने कहा है कि श्रीलंका का हमला दरअसल न्यूजीलैंड केमसजिदों में कुछ महीनों पहले हुए हमले का बदला है। भारतीय खुफिया एजेंसियां इन देशों को आतंकी गुटों की सक्रियता केबारे में लगातार आगाह करता रहा है। इसी केतहत श्रीलंका को कुछ दिनों पहले भी एनटीजे के बारे में बताया गया था। इन गुटों का खुलासा 2016 में पाकिस्तान समर्थन वाले गुट लश्कर-ए-तोयबा के आतंकियों से पूछताछ में हुआ था। उसके बाद खासतौर पर फिलीपिन्स, इंडोनेशिया, थाईलैंड और मलेशिया में हुए आतंकी धमाकों की जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए।
खुफिया विभाग के सूत्रों ने बताया कि इसी साल 27 जनवरी को फिलीपिन्स ने जोलो महागिरिजाघर में हुए आतंकी हमले तार इस क्षेत्र के कर्इ देशों से जुड़ते पाए गए। यह गुट आईएसआईएस से भी खासे प्रभावित हैं। यह गुट आधुनिक सोंच वाले इस्लामी देश मलेशिया में कट्टरवाद फैलाने की कोशिश में है। इसी तरह बौद्ध बहुल थाईलैंड केदक्षिणी क्षेत्र में जेहादी खासे सक्रिय हैं। सूत्रों ने बताया कि यह संगठन अफगानिस्तान, सीरिया, पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठनों से संचालित हो रहे हैं। इनका मकसद इस क्षेत्र के बौद्ध और इसाई बहुल देशों में आतंक फैलाना है।