Punjab के गुरदासपुर से Ticket नहीं मिलने के बावजूद विनोद खन्ना की पत्नी का PM Modi को पूर्ण समर्थन

इससे पहले शुक्रवार को कविता खन्ना ने संकेत दिया कि वह गुरदासपुर से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ सकती हैं। उन्होंने कहा था कि भाजपा के दरकिनार किए जाने के बाद गुरदासपुर से ढेर सारे लोगों का उनपर दबाव है। कविता खन्ना का कहना था कि उन्होंने अपने पति के निधन से पहले और बाद में वर्षो तक उस क्षेत्र में काम किया है। यह टिकट मेरे लिए कोई निजी मामला नहीं था। इससे बड़े मुद्दे हैं, यह क्षेत्र के विकास और वहां के लोगों की प्रगति का मामला था।
1998 से 2014 तक सांसद रहे थे विनोद खन्ना
दिवंगत भाजपा नेता विनोद खन्ना पिछले चार लोकसभा चुनावों से इस सीट का प्रतिनिधित्व करते रहे थे। उन्होंने 1998, 1999, 2004 और 2014 में इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था। 2017 में उनका निधन होने के बाद उसी साल हुए उपचुनाव में भाजपा ने स्वर्ण सालारिया को उम्मीदवार बनाया था, जोकि कांग्रेस के सुनील जाखड़ ने हार गए थे। कविता खन्ना को उस समय भी उम्मीद थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें दरकिनार कर दिया था।