Sajjan Kumar सिख दंगों में हुए जघन्य अपराधों के ‘सरगना’: CBI

सिखों का नरसंहार एक बर्बर अपराध था और सज्जन कुमार नेता थे। वह इसके सरगना थे। सुनवाई के दौरान सज्जन कुमार के वकील ने कहा कि मामले में एक प्रमुख गवाह ने चार बयान दिए, जिनमें उनके मुवक्किल का नाम नहीं लिया था। लेकिन बाद में उसने सज्जन कुमार का नाम लिया। पीठ ने वकील से पूछा कि कितने समय से सज्जन कुमार जेल में हैं, तो उन्होंने कहा कि तीन महीने से अधिक समय से जेल में हैं।
मुकदमे की सुनवाई के दौरान उन्हें अग्रिम जमानत दी गई थी, जिसका कभी दुरुपयोग नहीं किया गया। हालांकि मेहता ने पीठ को उन परिस्थितियों के बारे में बताया जिसमें अग्रिम जमानत दी गई थी।
लंबित मुकदमे की प्रगति से अवगत कराएं
सुनवाई के दौरान मेहता ने जब 1984 के एक अन्य सिख विरोधी दंगे के मुकदमे की सुनवाई का जिक्र किया तो पीठ ने पूछा कि अभी कितने और गवाहों से पूछताछ होनी है? इस पर मेहता ने बताया कि अभियोजन के साक्ष्य दर्ज किए जा रहे हैं और शीर्ष अदालत मुकदमे की सुनवाई तेज करने का निर्देश दे सकती है। इस पर कोर्ट ने सीबीआई को लंबित मुकदमे की प्रगति से अवगत कराने को कहा।
पिछले साल सुनाई थी सजा
दिल्ली हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार को 1984 में 1 और 2 नवंबर की रात दक्षिणी पश्चिमी दिल्ली के राज नगर पार्ट-1 में पांच सिखों को जिंदा जलाने और राज नगर पार्ट-2 में एक गुरुद्वारे में आग लगाने के मामले में दोषी पाया था। कोर्ट ने पिछले साल 17 दिसंबर को उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के 2010 के फैसले को खारिज कर दिया था, जिसमें सज्जन कुमार को बरी कर दिया गया था। साथ ही कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट द्वारा पूर्व कांग्रेस पार्षद बलवान खोखर, पूर्व नेवी अधिकारी कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल, पूर्व विधायक महेंद्र यादव और किशन खोखर की सजा को भी बरकरार रखा था।
31 दिसंबर को किया सरेंडर
हाईकोर्ट के आदेश के बाद सज्जन कुमार ने 31 दिसंबर, 2018 को ट्रायल कोर्ट के समक्ष सरेंडर कर दिया था। वहीं, मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें कांग्रेस से इस्तीफा भी देना पड़ा था।