
शाम को ग्राम वासियों ने अनुसूचित जाति के लोगों को रोजमर्रा की जरूरी चीज-वस्तुएं नहीं देने का फैसला किया। इतना ही नहीं अनुसूचित जाति के साथ प्रेमपूर्वक व्यवहार करने वाले व्यक्ति से पांच हजार रुपये जुर्माना वसूले जाने की घोषणा कर दी। मामला सामने आने पर पुलिस ने दलित परिवारों से मुलाकात की। इसके बाद पुलिस ने सरपंच को गिरफ्तार कर लिया। अन्य चार लोगों की तलाश जारी है।
दूल्हे ने बताया कि घुड़सवारी निकालने के मामले को लेकर गांव के सवर्णों ने बैठक की। अनुसूचित जाति के लोगों को अनाज-पानी नहीं देने का निर्णय करते हुए हम लोगों का बहिष्कार कर दिया गया। सुबह से चाय के लिए और बच्चों को पीने के लिए दूध की थैली भी नसीब नहीं हुई।